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CG BREAKING : आरक्षण पर राज्यपाल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, मामला अटकने से प्रभावित हो रही शिक्षा और नौकरियां

CG BREAKING: Petition in High Court against Governor on reservation, education and jobs getting affected due to stuck matter

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मामला विधानसभा और राजभवन के बाद अब हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है। अधिवक्ता हिमांग सलूजा ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में राज्य में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने और बिल के परिप्रेक्ष्य में बने गतिरोध को समाप्त करने की मांग की गयी है। याचिका में प्रदेश में आरक्षण की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया गया है कि आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से प्रदेश में शिक्षा और नौकरियां प्रभावित हो रही है।

अधिवक्ता हिमांग सलूजा ने बताया कि आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मौजूदा वक्त में आरक्षण की कोई व्यवस्था लागू नहीं है। ऐसे में जरूरी है आरक्षण को लेकर संवैधानिक संस्था मिलकर कोई रास्ता निकाले। याचिका में इस बात का उल्लेख है कि खुद राज्यपाल ने मीडिया के अलग-अलग संस्थानों में अपने इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने ही आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाने को कहा था, लेकिन 2 दिसंबर को विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद भी अब तक राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया है।

याचिका में राज्यपाल के उस बयान का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने 76 प्रतिशत आरक्षण के औचित्य पर सवाल खड़ा किया था। याचिका में ये भी बातें कही गयी है कि राज्यपाल ने कहा था कि अगर सिर्फ आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाया जाता तो वो हस्ताक्षर कर देती, लेकिन सभी वर्गों का आरक्षण बढ़ा दिया गया। याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट से मांग की गयी है कि वो प्रदेश में आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने और आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दें।

याचिका में कहा गया है कि आरक्षम बिल काफी समय से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के समक्ष उनकी सहमति के लिए लंबित है, जिस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। जबकि समाचार पत्रों में प्रकाशित विभिन्न समाचारों से, राज्यपाल ने बार-बार बयान दिया है कि वह राय लेने के बाद विधेयक पर अपनी सहमति देगी। हालांकि, पर्याप्त समय बीतने के बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसकी वजह से प्रदेश में लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। याचिकाकर्ता ने इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए ही ये याचिका दायर की है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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