CG BREAKING : राज्य में शराब की नई खेप, नए रेट्स के साथ 300 से अधिक ब्रांड, शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खबर ..
CG BREAKING: New consignment of liquor in the state, more than 300 brands with new rates, big news for liquor lovers..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब के शौकीनों के लिए यह खबर काम की है कि अब सरकारी शराब दुकानों में पीने वालों की पसंद का ख्याल रखते हुए तीन सौ से अधिक ब्रांड उतारने की तैयारी हो गई है। खास बात ये है कि, नई ब्रांड की पहली खेप आ गई है और आबकारी विभाग ने इनकी चिल्हर बिक्री का नया रेट भी जारी कर दिया है। अभी जिन ब्रांड के रेट जारी किए गए हैं, वे एक अक्टूबर से 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगे।
सरकार ने अब राज्य में शराब खरीदी का काम ब्रेवरेज कार्पोरेशन के हवाले कर दिया है। कार्पोरेशन ने शराब खरीदी के लिए देश के कई राज्यों के शराब निर्माता कंपनियों से रेट कांट्रेक्ट कर लिया है। बताया गया है कि अलग-अलग कंपनियों के 300 से अधिक ब्रांड के लिए रेट कांट्रेक्ट हो चुका है। अब संबंधित शराब निर्माता कंपनियों की ओर से सप्लाई शुरू कर दी गई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों की शराब की खेप राज्य में आना शुरू हो गई है।
राजस्व बढ़ाना भी है लक्ष्य –
छत्तीसगढ़ की सरकारी शराब दुकानों में नए-नए ब्रांड उपलब्ध कराने के पीछे सरकार का इरादा ये है कि पीने वालों को उनकी पंसद के ब्रांड मिल सके। इसके साथ ही जो प्रचलित ब्रांड है वे भी दुकान में मिले। इसके साथ ही सरकार आबकारी से मिलने वाले राजस्व को बढ़ाना भी चाहती है। बताया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ से मिलने करीब 6 हजार करोड़ रुपयों का राजस्व मिल रहा था, लेकिन अब सरकार इस करीब दुगना करने का तैयारी में है। चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 11 हजार करोड़ रुपयों के आसपास है।
अब बोतल पर चस्पा होगी कीमत की पर्ची –
राज्य सरकार के वाणिज्यककर आबकारी विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर 1 अक्टूबर 31 मार्च 2025 की अवधि के लिए विदेशी मदिरा प्रिट, माल्ट के फुटकर विक्रय का दरों का ब्योरा भेजा है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन से कहा गया है कि फुटकर विक्रय दर को कार्पोरेशन के गोदामों में संग्रहित मदिरा लेवल पर सुस्पष्ट बड़े अंकों में स्टिकर चस्पा करने के बाद ही विदेशी मदिरा की दुकानों के लिए प्रदाय करें। मदिरा दुकानों में जांच के दौरान बोतल पर स्टीकर चस्पा होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो गोदाम प्रभारी के खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई की जाएगी।