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CG BREAKING : नए राज्यपाल से कांग्रेस को उम्मीद, नए आरक्षण बिल में होगा हस्ताक्षर ?

The Governor of Andhra Pradesh, Shri Biswabhusan Harichandan calling on the Minister of State for Home Affairs, Shri G. Kishan Reddy, in New Delhi on August 09, 2019.

CG BREAKING: Congress hopes from the new governor, will the new reservation bill be signed?

रायपुर। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि “छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त राज्यपाल का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है. छत्तीसगढ़ की पावन धरा में उनका शत शत अभिनंदन. राज्यपाल की नियुक्ति का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. केंद्र सरकार किसे कहां पर राज्यपाल नियुक्त करती है किसका तबादला करती है , उसका अपना निर्णय होता है. छत्तीसगढ़ की आम जनता के अधिकार पिछले कुछ महीनों से राजभवन में लंबित पड़े हैं.

उन्होंने कहा कि “हमारी विधानसभा ने सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कराके जिसमें सभी समाजों के लिए आरक्षण का प्रावधान है. राजभवन को भेजा है. राजभवन में उससे हस्ताक्षर नहीं हो रहे थे. अब आशा करते हैं कि नए राज्यपाल इस पर शीघ्र निर्णय करेंगे और पारित किए गए अधिनियम में हस्ताक्षर से उसे कानून का रूप देंगे, ताकि छत्तीसगढ़ की आम जनता का अधिकार जो पिछले कुछ दिनों से लंबित है. आरक्षण का अधिकार उन्हें मिल सके.”

पुराने आरक्षण बिल निरस्त :

राज्य सरकार ने 18 जनवरी 2012 को प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत एससी वर्ग के लिए 12 परसेंट, एसटी वर्ग के लिए 32, ओबीसी वर्ग के लिए 14 परसेंट किया था. इसके खिलाफ दायर अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरक्षण को असंवैधानिक बताया. साथ ही आरक्षण को रद्द कर दिया. इसके बाद से आरक्षण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

नए आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं :

नए आरक्षण विधेयक में अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण तय किया गया है. जबकि EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान है. दो दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में यह बिल पारित हुआ. उसी तारीख को यह बिल राज्यपाल को हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है. तब से सरकार और राजभवन के बीच नए आरक्षण विधेयक पर तकरार जारी है. अब तक यह विधेयक राजभवन से पारित नहीं हुआ है.

 

 

 

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