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CG BREAKING: Case of amendment in Panchayat Act reached High Court
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत अधिनियम में संशोधन का मसला अब कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है। इस मामले में याचिकाहाईकोर्ट में दायर की गयी है। दरअसल राज्य सरकार ने शीतकालीन सत्र में पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया था। विधानसभामें संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गयी थी, जिसके बाद राज्यपाल के पास भेजा गया था।
संशोधन विधेयक के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। जिला पंचायत सूरजपुर के उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर की है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अवैधानिक तरीक़े से ओबीसी आरक्षण शून्य किए जाने से नाराज नरेश राजवाडे , उपाध्यक्षज़िला पंचायत सूरजपुर एवम् प्रदेश महासचिव ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ ने ये याचिका दायर की है।
याचिका में इन संशोधनों को बनाया गया है आधार
- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पाँचवी अनुसूची में सम्मलित ज़िलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राजअधिनियम के धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को लोप करने हेतु अध्यादेश छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश-2024 दिनांक 03.12.2024 को लाया गया।
- भारत के संविधान की अनुच्छेद 213 में निहित प्रावधान के तहत कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह माह की अवधि तक हीक्रियाशील होता है अथवा विधान सभा के आगामी सत्र में अनिवार्यतः प्रस्ताव पारित कर अधिनियम का रूप दिलाना होता है , जिसमें छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीर चूक की है । उक्त अध्यादेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ विधान सभा के आहूत सत्र दिनांक16.01.2024 से 20.01.2024 तक में इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराते हुए मात्र विधान सभा के पटल पर रखागया है , जिसके कारण उक्त अध्यादेश वर्तमान में विधिशून्य/औचित्यविहीन हो गया है ।ऐसी स्थिति में वर्तमान में उक्त संशोधनके आधार छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में दिनांक 24.12.2024 को किया गया संशोधन पूर्णतः अवैधानिक हो गया है।
- इस प्रकार अवैधानिक हो चुके संशोधित छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) के आधार पर प्रदेश के संचालक पंचायत एवम्सभी ज़िलों में कलेक्टर द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु जारी किया गया आरक्षण रोस्टर पूर्णतः अवैधानिक हो गया है.
- जिसे निरस्त कर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के पूर्व प्रावधान के आधार पर आरक्षण रोस्टर निर्धारित कर वैधानिक रूप सेपंचायत चुनाव करने का अनुरोध माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष अधिवक्ता शक्ति राज सिन्हा जी के माध्यम सेयाचिका प्रस्तुत कर किया गया है।