CG BREAKING : बस्तर बना ब्रांड, पहले होती थी नक्सल घटना, हस्तशिल्प और मिलेट्स की पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी – प्रियंका गांधी
CG BREAKING: Bastar became a brand, Naxalite incident used to happen earlier, handicrafts and millets are recognized not only in the country but also abroad – Priyanka Gandhi
जगदलपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को भरोसे के सम्मेलन में भूपेश सरकार के कामकाज की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पहले बस्तर में नक्सल घटनाएं होती थी और अब ब्रांड बन गया है। बस्तर के हस्तशिल्प और मिलेट्स की पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी बन गई है। प्रियंका गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिना भरोसे के कोई काम नहीं हो रहा है।
लालबाग मैदान में हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं यहां पहली बार आई हूं आप मुझे नहीं जानते हैं। आप इसलिए आए हैं क्योंकि आपका मेरे परिवार पर भरोसा है। आप इसलिए आए हैं क्योंकि नेहरू जी और इंदिरा गांधी जी के दिल में आपको लेकर विशेष सम्मान था। यहां की कहानियों, आपकी संस्कृति, आपके संघर्ष के बारे में मैं सबकुछ जानती हूं। मेरे घर के सदस्यों ने आपकी संस्कृति, संघर्षों और चुनौतियों को जाना। सार्वजनिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज भरोसा होता है।
उन्होंने आगे बताया कि यहां जब मैं आई तो एक बहन ने मेरे लिए सुबह से आइसक्रीम बना कर रखी थी, लेकिन जब मैं वहां पहुंची तो मुझसे कहा कि आपको अभी मंच से बोलना है इसलिए आप ठंडी आइसक्रीम मत खाइए… ये एक बहन का भरोसा है, एक पल में मेरा उनसे रिश्ता बन गया। एक जगह की पहचान तीन चीजों से होती है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि संस्कृति का सम्मान, लोगों का मान और सरकार द्वारा जनता का सम्मान मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय यहां लोगों को आने में डर लगता था। आज यही बस्तर एक ब्रांड बन गया है। सरकार की मदद के साथ आपकी आमदनी बढ़ रही है। प्रकृति का सम्मान करने के लिए मेरी दादी इंदिरा गांधी आप आदिवासी भाई बहनों का बहुत सम्मान करती थीं। यहां बेरोजगारी की दर सब कम है, सबसे ज्यादा वनोपज के लिए एमएसपी, यहां का स्वास्थ्य माडल देश के लिए उदाहरण है। सरकार आपके भरोसे पर चल रही है, आपकी मेहनत का ये सरकार सम्मान कर रही है।
सीएम श्री बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बस्तर के बाहर के लोग यहां आने से डरते थे। नक्सलियों की दहशत से कोई छत्तीसगढ़ नहीं आता था। हमारे घर वालों की नींद हराम रहती थी, जब तक हम घर नहीं लौटते थे, वो चिंतित रहते थे। नक्सली और पुलिस दोनों की गोलियां चलती थी, लेकिन सीना हमारे निर्दोष आदिवासियों का छलनी होता था।
उन्होंने कहा कि यहां पर आदिवासियों की जमीनें छीन ली गयी थी। देश में पहला उदाहरण था, जब हमने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीनें वापस कराने का काम किया। विकास के रास्ते पर हम चल रहे हैं, बस्तर आगे बढ़ रहा है। योजनाओं का लाभ लोग ले रहे हैं। शिक्षा के माध्यम से फिर से बस्तर को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। श्रीमती इंदिरा गांधी आई थी, उन्होंने आदिवासियो को पट्टा दिया था। राहुल गांधी ने आदिवासियो का पट्टा वापस दिलाया। सम्मेलन में सरकार के तमाम मंत्री, निगम मंडल के पदाधिकारी और कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे।