
CG BREAKING: Ban on Inspector Promotion Examination of Weights and Measures Department!
बिलासपुर। हाईकोर्ट में विभागीय भर्ती के नियमों को चुनौती देते हुए प्रस्तुत याचिका पर जवाब देने के बजाय छत्तीसगढ़ शासन के नाप-तौल विभाग ने नियम में संशोधन कर दिया और नया विज्ञापन निकाल दिया। हाईकोर्ट ने इसकी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
नापतोल नियंत्रक ने 20 अक्टूबर 2021 को पदोन्नति के जरिए विभाग में इंस्पेक्टर पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसके तहत एक चयन परीक्षा राज्य सरकार के 2013 के नियम के अंतर्गत ली जानी थी। आवेदक के पास स्नातक डिग्री होना अनिवार्य किया गया था। स्नातक की डिग्री प्राप्त कर चुके और सन् 2013 से कार्यरत लिपिकों ने जब चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया तो नियंत्रक ने उन्हें अपात्र घोषित कर दिया। इसके विरुद्ध प्रभावित कर्मचारियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई के बाद 25 नवंबर 2022 को हाईकोर्ट ने आवेदकों को विभागीय परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का आदेश दिया। नियंत्रक ने बिना कोई कारण बताए 20 जनवरी 2023 को परीक्षा निरस्त कर दी। इसके विरुद्ध आवेदक अचिंत भौमिक और अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने चार सप्ताह में नाप-तौल नियंत्रक तथा अन्य को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। शासन की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद पदोन्नति से भर्ती नियम 2013 को 26 जून को संशोधित कर नया नियम बना दिया गया। इसमें भौतिक शास्त्र विषय से ही स्नातक होना अनिवार्य किया गया।इस विषय से छूट उन अभ्यार्थियों को दी गई जो 2011 के पहले से स्नातक डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। इसके बाद 10 अगस्त को फिर से पदोन्नति से चयन के लिए नया विज्ञापन निकाल दिया गया।
याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहा कि कोई संशोधन आदेश भूतलक्षी प्रभाव पर नहीं दिया जाना चाहिए। 26 जून को बनाया गया नियम पूर्व में ली गई परीक्षा पर लागू नहीं होता। कोर्ट ने अंतिम आदेश तक विज्ञापन और परीक्षा की कार्रवाई पर रोक लगाई है और चार सप्ताह के भीतर शासन को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।