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CG BREAKING : दमानी और आबकारी अधिकारी त्रिपाठी की जमानत मंजूर ! महादेव सट्टा मामला

CG BREAKING: Bail approved for Damani and excise officer Tripathi! mahadev betting case

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में नौ महीने से जेल में बंद आबकारी विभाग के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी की जमानत याचिका को सर्शत मंजूर कर लिया है। 25 हजार रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके पहले हाई कोर्ट ने छह अक्टूबर 2023 को जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। वहीं महादेव सट्टा मामले में आरोपी अनिल दमानी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट ने दमानी को आठ हफ्ते के लिए एक लाख के मुचलके पर जमानत दी है।

अरुणपति त्रिपाठी द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत दायर की गई दूसरी जमानत याचिका है। इसमें दंडनीय अपराध के लिए जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पंजीकृत अपराध के संबंध में आवेदक को नियमित जमानत देने की मांग की गई है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 276(सी)(1), 277, 278, 278(ई) के तहत आइपीसी की धारा 120(बी), 191, 199, 200, 204 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। अरुणपति त्रिपाठी के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने आइएएस अनिल टुटेजा और राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के साथ मिलकर शराब घोटाले को अंजाम दिया है। एक दूसरे के साथ मिलीभगत करके छत्तीसगढ़ राज्य में रिश्वत, अवैध कमीशन और बेहिसाब धन आदि लिया गया और रिश्वत वसूली का काम उनकी ओर से अनवर ढेबर और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया था।

महादेव सट्टा मामले में आरोपित अनिल दम्मानी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट ने दम्मानी को आठ हफ्ते के लिए एक लाख के मुचलके पर जमानत दी है। कोर्ट के सामने अपनी जमानत याचिका में दमानी ने 12 साल पहले हुए एक्सीडेंट का हवाला दिया है। उसने कोर्ट में कहा कि इस एक्सीडेंट में उसके शरीर पर कई जगह चोट लगी थी। इसकी वजह से उसे कई जगहों पर इंप्लांट्स करवाने पड़े। अब उनमें से एक इंप्लांट को निकलवाने की जरूरत पड़ गई है, क्योंकि उसमें खून का प्रवाह बंद हो गया है। दमानी ने बताया कि उसे डायबिटीज भी है और उसे जेल हास्पिटल और जिला हास्पिटल में भी भर्ती रहना पड़ा था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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