CHILD MARRIAGE FREE DISTRICT : बालोद जिला बना देश का पहला बाल विवाह-मुक्त जिला

CHILD MARRIAGE FREE DISTRICT : Balod district becomes the country’s first child marriage-free district
रायपुर। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाज से समाप्त करने की दिशा में छत्तीसगढ़ ने एक बड़ा कदम उठाया है। बालोद जिला अब देश का पहला बाल विवाह-मुक्त जिला बन गया है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाल विवाह-मुक्त भारत अभियान के तहत मिली है, जिसे 27 अगस्त 2024 को शुरू किया गया था।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को राज्य सरकार की प्राथमिकता बताया और कहा कि 2028-29 तक पूरे राज्य को बाल विवाह-मुक्त बनाने का लक्ष्य है।
बाल विवाह : इतिहास और कारण
बाल विवाह की प्रथा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। शुरुआत में यह सामाजिक और धार्मिक कारणों से होती थी, जिसमें लड़कियों की पवित्रता और परिवार की इज्जत बनाए रखने के नाम पर कम उम्र में शादी कर दी जाती थी। आर्थिक कारणों से भी कई परिवार अपनी बेटियों की जल्दी शादी कर देते थे, ताकि दहेज और पालन-पोषण का बोझ कम हो।
मध्यकाल में यह प्रथा और अधिक प्रचलित हुई और कुछ समुदायों में इसे प्रतिष्ठा का पैमाना माना जाने लगा।
बाल विवाह के प्रभाव –
किशोर उम्र में गर्भधारण से मातृ और शिशु मृत्यु दर बढ़ जाती है।
किशोर माताओं को प्रसव जटिलताएं और कुपोषण जैसी समस्याएं होती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, क्योंकि कम उम्र में परिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ और तनाव बढ़ जाता है।
पढ़ाई बाधित होने से लड़कियों की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक स्थिति कमजोर होती है।
कानूनी पहल और रोकथाम –
1929 का शारदा अधिनियम : लड़कियों और लड़कों के विवाह की न्यूनतम आयु निर्धारित।
2006 का बाल विवाह निषेध अधिनियम : लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 वर्ष आयु अनिवार्य।
संयुक्त राष्ट्र ने बाल विवाह को मानवाधिकार उल्लंघन माना है और इसे 2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
समाज सुधारकों जैसे राजा राममोहन राय और ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने भी इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी।
बालोद जिला को बाल विवाह-मुक्त घोषित करना छत्तीसगढ़ की समाज सुधार और बाल संरक्षण नीति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। राज्य सरकार ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और आने वाले वर्षों में पूरे राज्य में इस प्रथा को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।