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कान्हा के 5251वें जन्मोत्सव पर मथुरा में धूम, लाखों श्रद्धालुओं पहुंचे कृष्ण की नगरी

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मथुरा। Janmashtami 2024: ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:। भादों की कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर सोमवार को लाखों श्रद्धालु यही कामना लेकर नटवर नागर की देहरी पर पहुंचे। क्या बच्चे-क्या बूढ़े। कन्हैया के जन्म का साक्षी बनने की व्याकुलता हर चेहरे पर साफ दिखी।

जैसे-जैसे दिन शाम की ओर बढ़ा, जयघोष गूंजते रहे और कान्हा के आगमन का उत्साह हर ओर दिखाई दिया। रात 12 बजे लाला के आगमन का शंखनाद हुआ तो ब्रज का कण-कण खुशियों में डूब गया।

 

लीलाधर तो सबके पालनहार हैं। सोमवार को उनका 5251वां जन्मोत्सव है। ऐसे में हर कोई उत्साहित है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर सुबह साढ़े पांच बजे मंगला आरती के बाद आठ बजे आराध्य का पंचामृत अभिषेक व पुष्पार्चन हुआ। ये अपने आराध्य के जन्म का उत्साह ही था कि सुबह मंगला आरती में भी हजारों श्रद्धालु थे।

भारी लग रहे इंतजार के क्षण
दिन चढ़ा तो फिर भीड़ की थाह नहीं रही। दोपहर बाद तो जन्मस्थान और उसके रास्ते पर पैर रखने की जगह नहीं बची। शाम सात बजे से ही मंदिर परिसर में सुगंधित दृव्य का छिड़काव प्रारंभ हुआ। अब जन्म को केवल कुछ ही क्षण बचे। ये क्षण भी श्रद्धालुओं को भारी लग रहे।

रात 11 बजे जन्मस्थान पर श्री गणेश, नवगृह स्थापना के साथ पूजन प्रारंभ होगा। घड़ी की सुई जैसे जैसे आगे बढ़ रही वैसे वैसे लोगों के बीच कन्हैयालाल के जयकारे गूंज रहे हैं। 11.59 बजते ही लाला के प्राकट्य दर्शन के लिए भागवत भवन स्थित युगल सरकार के कपाट बंद हो जाएंगे।

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12 बजेगा तो नटवर नागर का चलित विग्रह भागवत भवन लाया जाएगा। रजत कमल पुष्प पर आराध्य को विराजमान कराया जाएगा और कामधेनु गाय के प्रतीक से दुग्धाभिषेक होगा।

कान्हा के जन्म के इंतजार में लाखों भक्त
महाभिषेक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, मैनेजिंग ट्रस्टी अनुराग डालमिया, सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी करेंगे। इधर जैसे ही कान्हा का अभिषेक होगा और उधर, लाखों कंठों से जयकारे लगते बंद नहीं होगा।


जो श्रद्धालु अंदर रहेंगे, उन्हें दिव्य दर्शन का आनंद मिलेगा, जो बाहर रहेंगे, वह जल्द अंदर पहुंचने की जिद्दोजहद में रहेंगे। कान्हा के जन्म पर पूरे ब्रज में रात में घंटा-घड़ियाल गूंजेंगे। डेढ़ बजे तक श्रद्धालुओं को जन्मस्थान पर प्रवेश मिलेगा, दो बजे ठाकुर जी की शयन आरती के बाद पट बंद हो जाएंगे, तब जाकर आस्था का ज्वार थोड़ा थमेगा।

 

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