कालीचरण की गिरफ्तारी पर बरसे बृजमोहन, बोले- न नोटिस न सूचना, कार्रवाई- नॉट लीगल…
रायपुर. पूर्व गृह मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गिरफ्तारी विधि सम्मत नहीं है. इस तरह की गिरफ्तारी के पहले नोटिस दिया जाता है. दूसरे राज्य से गिरफ्तारी करते समय वहां की पुलिस को इन्फॉर्म करना पड़ता है. कोर्ट में पेश करना पड़ता है. इसलिए यह गिरफ्तारी विधि सम्मत नहीं है.
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा कि गांधीजी के नाम पर इस प्रकार की कार्रवाई करना विधि सम्मत नहीं है. जो लोग छत्तीसगढ़ में प्रभु राम के खिलाफ राम का अपमान करते हैं. माता सीता का अपमान करते हैं. ब्राह्मण समाज को गाली देते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ की पुलिस और सरकार कभी एक्टिव नहीं होती. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. गांधी जी निश्चित रूप से सम्माननीय हैं.
उनके खिलाफ इस तरीके के शब्दों का प्रयोग नहीं होना था. लेकिन गांधी जी की विचारधारा का पालन भी नहीं किया जा रहा है. गांधी जी को लेकर लोगों के मन में जो सम्मान है वह कम होगा. पूरे देश में कालीचरण रिलीज सोशल मीडिया में चल रहा है. मैंने इसे रिट्वीट किया है.
इस मामले में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का भी अहम बयान सामने आया है. मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि एमपी के गृहमंत्री बचाव जैसा बयान दे रहे हैं. ये मध्यप्रदेश पुलिस की नाकामयाबी है. बापू पर अनर्गल करने वाले अपराधी को सारा हिन्दुस्तान खोज रहा है. कालीचरण एमपी में ठहरा था, तो एमपी पुलिस को जानकरी क्यों नहीं थी. एमपी पुलिस नहीं कर पाई इसलिए छत्तीसगढ पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा.
इस प्रकार के साम्प्रदायिक बातों को बढ़ावा देने वालों का समर्थन बीजेपी के लोग क्यों करते हैं. ये देश के लिए दुर्भाग्यजनक है. इधर कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति दर्ज किया तो वह बताएं पूरी दुनिया में मानवता का संदेश देने वाले को गाली देने वाले को गिरफ्तार किया गया है, क्या वह इससे खुश हैं या नाराज हैं. गिरफ्तारी में पूरी तरीके से प्रक्रिया का पालन किया गया. उनके परिवारजन को गिरफ्तारी के बारे में सूचना दी गई है, और 24 घंटे के अंदर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा.