BRIJMOHAN AGARWAL/SANTOSH PANDEY : जनता का प्यार बिरजू भैया की ताकत, संतोष पांडे को इन कारणों से दोबारा अवसर, जानिए इनके बारें में ..

BRIJMOHAN AGARWAL/SANTOSH PANDEY: People’s love is the strength of Birju Bhaiya, Santosh Pandey got another opportunity due to these reasons, know about them..
रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की सबसे बड़ी लीड लेकर लगातार चुनाव जीतते हुए आठवीं बार विधायक बने हैं। बृजमोहन ने प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 67919 मतों के अंतर से हराया है। कॉमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की भी डिग्री ली है।
1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीतिक की शुरुआत भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष व भारतीय जनता युवा मोर्चा अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रहें हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहने के अलावा छत्तीसगढ़ की सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं। भाजपा विधायक दल के सदन में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। राजिम में राजिम कुंभ करवा कर उन्होंने राजिम कुंभ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलवाई है।
बृजमोहन अग्रवाल का जीवन परिचय –
पिता का नाम :- रामजी अग्रवाल
जन्मतिथि :- 1 मई 1959
जन्म स्थान- रायपुरिया छतीसगढ़
विवाह की तिथि :- 2 जून 1986
पत्नी का नाम- सरिता देवी अग्रवाल
पत्नी की जन्मतिथि :- 21 फरवरी 1965
संतान- 2 पुत्र, 1 पुत्री
शैक्षणिक योग्यता :- एमकॉम, एमए, एलएलबी
राजनांदगांव। भाजपा ने छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से संतोष पांडे को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। संतोष पांडे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ हैं।
वे संघ के तृतीय वर्ष तक शिक्षित हैं। 90 के दशक में ही भाजपा कवर्धा मंडल के अध्यक्ष रहे। अविभाजित राजनांदगांव जिले में भाजयुमो के दो बार जिलाध्यक्ष रहे। दो बार प्रदेश भाजपा में महामंत्री के साथ कृषि उपज मंडी कवर्धा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
संतोष पांडे रमन सरकार के दूसरे कार्यकाल में छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष थे। वर्ष 2003 में वीरेंद्रनगर (अब विलोपित) सीट से विधासभा का चुनाव लड़ा, लेकिन सफर नहीं हुए। भाजयुमो के प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं। इस दौरान भाजपा सरकार द्वारा निकाली गई विकास यात्रा में रथी (रथ प्रभारी) रहे।
भाजपा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक रहे। 17वीं लोकसभा (2019) में पहली बार सदन पहुंचे। इनके पिता स्व. शिवप्रसाद पांडे सहसपुर लोहारा मंडल के दो बार भाजपा अध्यक्ष रहे। इनकी माता अविभाजित मध्यप्रदेश में कवर्धा जिले में जो बार जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थीं।
इन कारणों से दोबारा अवसर –
संतोष पांडेय की आरएसएस में गहरी पकड़ है। केंद्रीय नेतृत्व में अच्छी छवि है। पिछला चुनाव लगभग 1.12 लाख मतों से जीते थे। क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन।
ये रहेगी मुख्य ताकत –
सांसद के रूप में कार्यकाल अविवादित रहा। जनता के बीच अच्छी छवि है। उनके साथ सक्रिय युवाओं की बड़ी टीम है। क्षेत्र में विकास कार्यों के साथ ही मोदी सरकार की उपलब्धियों का भी लाभ मिलेगा।
ये रहेंगी चुनौतियां –
तीन माह पूर्व संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की आठ में से पांच सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। चर्चा है कि इस बार कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। साथ ही रेल सेवा व स्टेशनों में यात्री सुविधाओं की कमियां दूर नहीं कर पाने के कारण एक वर्ग नाराज भी है।