
BREAKING: Will Shambhu border open or not? Know the decision of the Supreme Court
नई दिल्ली. शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई हुई. हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर को खुलवाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक सप्ताह में नेशनल हाईवे-1 पर शंभू बॉर्डर को खुलवाने का आदेश जारी किया था. इस आदेश की मियाद आज यानी 24 जून को पूरी हो रही है. कानून-व्यवस्था का हवाला देकर हरियाणा सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से एसजी तुषार मेहता पेश हुए.
हरियाणा सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमें लोगों की असुविधा का ध्यान है लेकिन बॉर्डर की दूसरी तरफ 500 ट्रैक्टर ट्राली बख्तरबंद के रूप में मौजूद हैं. हरियाणा सरकार की तरफ से SG तुषार मेहता ने आगे कहा कि जनता की परेशानियों को लेकर हम भी चिंतित हैं लेकिन ट्रैक्टर ट्रॉली हैं, जो पंजाब से दिल्ली की तरफ जाना चाहती हैं.
सुप्रीम कोर्ट का तीखा सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वो बिना ट्रैक्टर के दिल्ली आते हैं तो? आपने क्या उनसे बात करने की कोशिश की? क्या आपने उनके भरोसा जितने की कोशिश की? अगर आप मंत्री भेजते हैं, बात करने को तो वो समझेंगे कि वो सरकार का पक्ष रख रहे हैं. किसी दूसरे को भेजने की क्यों नहीं सोच रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोई कृषि एक्सपर्ट पंजाब या हरियाणा का भेज सकते हैं?
तुषार मेहता की दलील और SC का जवाब
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इसके बारे में अदालत को सूचित करेगें. JCB और ट्रैक्टर को वार ट्रैंक के रूप में बनाया गया है. हम इस सुझाव को सरकार के सामने रखेंगे. इस पर अदालत ने कहा कि आपको एक ऐसा व्यक्ति भेजना होगा जो दोनो तरफ से में हो. आप नेशनल हाईवे को कब तक बंद कर के रख सकते हैं. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि लेकिन नेशनल हाई वे पर JCB और ट्रैक्टर ट्रॉली की इजाजत नहीं दे सकते.
तुषार मेहता क्यों हुए चिंतित
तुषार मेहता ने कहा कि हम उनके रेजिडेंट पार्ट पर चिंतित नहीं हैं कि उन्होंने एसी लगा रखा है गाड़ियों में. हम उस बात से चिंतित हैं कि टैंक के रूप में उन्होंने जो गाड़ियों को बनाया है, वो चिंता का विषय है. पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि बोर्ड सील करने से पंजाब को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक कमिटी का गठन क्यों न कर दे जो प्रदर्शनकारी किसानों से बात करें. हम यहां पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद को यहां नहीं सुनना चाहते.
कमेटी बनाने का आदेश
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि एक स्वतंत्र कमिटी बने, जिसमें राज्य सरकार के लोग और कृषि एक्सपर्ट हो. पंजाब और हरियाणा कोर्ट को नाम सुझाए जो इस कमिटी के सदस्य हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में दोनों सरकार से नाम मांगे. सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते के बाद मामले की सुनवाई करेंगे. पंजाब सरकार ने कहा कि हरियाणा सरकार बोर्ड को खोलने पर विचार करें ताकि लोगों के असुविधा न हो.