BREAKING : दिल्ली सरकार में एससी/एसटी वेलफेयर मिनिस्टर रहे राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफ़ा

BREAKING: Rajkumar Anand, who was SC/ST Welfare Minister in Delhi Government, resigns.
दिल्ली सरकार में एससी/एसटी वेलफेयर मिनिस्टर रहे राजकुमार आनंद ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा तो दिया ही, साथ ही उन्होंनेपार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे. इससे पहलेउनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. राजकुमार आनंद के आवास पर बीते साल नवंबर में ईडी नेछापा भी मारा था. बड़ी बात है कि इस्तीफा देते हुए राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी पर सवाल उठाए, जबकि महज 2 घंटेपहले वह मोदी सरकार को घेरते हुए X पर पोस्ट कर रहे थे.
इस्तीफे के बाद क्या बोले राजकुमार आनंद
राजकुमार आनंद का कहना है कि वह पार्टी में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे, अब वह इस बात सेनिराश हैं कि पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार के जाल में फंस गई है. उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में खड़े होकर कहाथा कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज राजनीति नहीं बदली लेकिनराजनेता बदल गया. उन्होंने कहा कि इस्तीफा सीएम ऑफिस भेज दिया है. मेरे लिए मंत्रीपद पर रहकर इस सरकार में काम करनाअसहज हो गया है.
मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की कोई नैतिकता बची है. बाबा साहेब के आदर्शों के कारण मैं पार्टी के साथ आया था, लेकिन इस पार्टी में दलित आदि का सम्मान नहीं है. इसमें कहीं भी दलित व पिछड़े का प्रतिनिधित्व नहीं है. इन कारणों से मेरा इस पार्टीमें रहना मुश्किल हो गया है, इसलिए मैं पार्टी और अपने मंत्री पद दोनों से इस्तीफा दे रहा हूं.
खुद को हल्का महसूस कर रहा हूंः राजकुमार आनंद
वहीं आजतक से बात करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि, मैं अपने आपको भारी महसूस कर रहा था, लेकिन अब इस्तीफे के बादकाफी हल्का महसूस कर रहा हूं. मैं कोई पार्टी नहीं जॉइन करना चाहता हूं. राजनीति में आने की वजह पैसा या नाम कमाना नहीं थी. मैंये साफ कर रहा हूं कि, आपको हल्का महसूस करना चाह रहा हूं. मुझे कोई ऑफर नहीं दे रहा है.
दो घंटे पहले मोदी सरकार के विरोध में ट्ववीट –
ये तो वह बातें रहीं, जो राजकुमार आनंद ने इस्तीफा देने के बाद कहीं, लेकिन इस्तीफा देने के ठीक दो घंटे पहले तक वह आम आदमीपार्टी का सपोर्ट करते हुए, मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए थे. उन्होंने आप नेता संजय सिंह का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा थाकि, ‘कितनी हास्यास्पद बात है कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री (@BhagwantMann) और एक सांसद को मुलाकात के लिए टोकन नंबरदिया जाता है. फिर मुलाकात को Cancel कर दिया जाता है. तिहाड़ Jail के अधिकारी मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं.
नवंबर 2023 में ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि बीते साल नवंबर में जब ईडी ने सीएम केजरीवाल को जब शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था तो इससे ठीक पहलेईडी ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर छापा मारा था. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार मंत्री राजकुमार आनंद के घर परछापेमारी के पहुंची थी. ईडी की टीम मंत्री के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर छानबीन की थी. सामनेआया था कि, ईडी की टीम ने राजकुमार आनंद के बिजनेस से जुड़े मामले में छापेमारी की थी. राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन मेंशामिल होने का भी शक था. इस छापेमारी को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था.
कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे. इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसीविधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट मेंशामिल किया गया था. बता दें बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी–देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जहां राजेंद्र पालगौतम भी मौजूद थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.