BRAHMASTRA REVIEW : दर्शकों को पसंद आई ब्रह्मास्त्र?, मूवी को लेकर थोड़ी तीखी, थोड़ी कड़वी और थोड़ी मीठी बातें
BRAHMASTRA REVIEW: The audience liked Brahmastra?, a little sharp, a little bitter and a little sweet about the movie
मुंबई। बदलते वक्त के साथ सिनेमा बदला और आजकल के बदलते सिनेमा में कहानियों को पेश करने का अंदाज भी बदला है. इस हफ्ते रीलीज हुई ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट 1 शिवा’ ऐसी ही एक फिल्म है. अगर आपको फैंटसी कॉमिक्स अमीश त्रिपाठी के शिवा सीरीज वाले नावल्ज और हॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्में पसंद हैं, तो ये फिल्म आपको पसंद आएगी, जो लोग कॉमडी और सीटीमार मनोरंजन पसंद करते है, उन्हें शायद ये फिल्म पसंद नहीं आएगी. जानते हैं फिल्म कि कुछ खास बातें, जो थोड़ी तीखी थोड़ी कड़वी और थोड़ी मीठी है.
कहानी –
कहानी हमारी भारतीय कथा पुराणों में देवता असुर और शिव रहस्य से शुरू होकर आज के समय की है. रणबीर कपूर बने हैं एक डीजे शिवा, जिन्हें दशहरे के मेले में एक लड़की इशा यानी आलिया भट्ट से पहली नजर वाला प्यार हो जाता है. लेकिन प्यार के साथ उन्हें एक सुपर नैचरल ब्रह्म अनुभव होता है, जो उनके बचपन के सपनो के साथ जुड़ा है. शिवा की कहानी आगे जुड़ जाती है. एक वैज्ञानिक मोहन यानी शाहरुख खान और बनारस के पेंटर शेट्टी यानी नागार्जुन के साथ. इसी के साथ एंट्री होती है कुछ असुरों की जो इन सबकी संचालिका है. एक यक्षिणी जुनून यानी मौनी रॉय. जुनून एक-एक करके मोहन और शेट्टी को मार डालती है. पता चलता है कि सारा खेल ब्रह्मास्त्र को पाने का है जिसकी रक्षा तीन लोग कर रहे है.
मोहन और जुनून का ये खेल शिवा अनुभव करता है जो इशा के साथ अपने प्यार की शुरुआत करता है. इशा और शिवा निकल पड़ते हैं मोहन के इस दिव्य अनुभव के तार ढूंढने और बनारस होते हुए पहुंच जाते हैं ब्रह्म गुरु यानी अमिताभ बच्चन के पास, जो शिवा को उनके अंदर की शक्ति का एहसास दिलाते हैं और अंत में बुराई पर अच्छाई की विजय होती है.
अच्छी बातें –
फिल्म काफी महंगी है जिसे बनाने में एक लम्बा अरसा लगा है, लेकिन निर्देशक अयान मुखर्जी ने बड़ी मेहनत से बनाया है. फिल्म का मुख्य आकर्षण है फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स जो काफी अच्छे हैं. मूवी देखकर लगता है कि किसी भी हॉलीवुड फिल्म की टक्कर की है ब्रह्मास्त्र. फिल्म की फोटोग्राफी काफी अच्छी है और बनारस और हिमाचल के दृश्यों को खूबसूरती से फिल्माया गया है. फिल्म 3D में है. इसलिये एक्शन सीन्स आपको चश्मा लगाकर या आईमैक्स के बड़े पर्दे पर अच्छे लगेंगे.
अभिनय –
एक्शन और स्पेशल इफेक्ट्स से लैस फिल्म एक लव स्टोरी है जिसे रणबीर और आलिया की रियल लाइफ जोड़ी ने पूरी शिद्दत से निभाया है. रणबीर कपूर और आलिया की रियल लाइफ जोड़ी भी ब्रह्मास्त्र से बनी थी और दोनो की केमिस्ट्री हर फ्रेम में झलकती है. नागिन जैसे सीरियल में हिट होने वाली मौनी रॉय यहां नागिन वाले अंदाज में हैं. अमिताभ बच्चन ने भी फिल्म के केनवास पर अपना रंग दिया है. शाहरुख खान ने भी एक गेस्ट रोल किया है और एक लम्बे समय के बाद शाहरुख एक्शन करते फिल्मी पर्दे पर दिखे. तेलुगु फिल्मों के अभिनेता नागार्जुन का रोल भी फिल्म में मेहमान कलाकार का है.
तीखी बातें –
बहुत कुछ दिखने के चक्कर में फिल्म उलझा देती है. कहानी थोड़ी बिखरी है और इंटर्वल से पहले तक ही कहानी समझ आती है. इंटर्वल के बाद कहानी में थोड़ी गति आती है, लेकिन स्पेशल इफेक्ट्स की भरमार मुख्य मुद्दे को भटका देते हैं. फिल्म मुख्य एक ऐसा मीडियम होता है, जो समाज के हर वर्ग का मनोरंजन करता है. ऐसे में ये शायद सबका मनोरंजन ना कर पाए, लेकिन हॉलीवुड मूवीज देखने वाले बच्चे शायद फिल्म के रोमांचक पल का मज़ा उठाएंगे. बीच-बीच में की जाने वाली डायलॉगबाजी फिल्म को थोड़ा बोझिल करती है.
संगीत –
प्रीतम का संगीत मधुर है और केसरिया देवा देवा जैसे गाने कहानी को आगे लेकर जाते हैं. वहीं रणबीर कपूर ने अपने एंट्री वाले सॉन्ग में जबरदस्त डांस किया है.
ऐसा नहीं है कि हिंदी फिल्म बनाने वाले कुछ नया नहीं करते है. ब्रह्मास्त्र कुछ हट के बनाने की कोशिश है. साथ में लव स्टोरी और एक एक्शन थ्रिलर भी है अभी फिल्म का पहला पार्ट है और फिल्म के अधूरे पन्ने अगले पार्ट में खुलेंगे. फिल्म थोड़ी लम्बी है और कहीं कहीं बोझिल हो जाती है, लेकिन कुल मिलकर मनोरंजन देती है.