मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में अवैध होर्डिंग और बैनर की बढ़ती संख्या को भयावह बताया। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने सभी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर इस स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा है।
HC ने जारी किया नोटिस
नोटिस जारी कर कहा कि कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। पीठ ने कहा कि चुनाव के बाद पूरे राज्य में अवैध होर्डिंग, बैनर और पोस्टर की भरमार है। इससे अधिक भयावह क्या हो सकता है। 2017 के फैसले में अवैध होर्डिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी कोई असर नहीं दिख रहा। यह बहुत दुखद स्थिति है।
आदेशों का हो पालन
पीठ ने सवाल किया कि ऐसे मामलों में आदेश और फैसले की आवश्यकता क्यों है। जबकि, कानून के तहत सरकार और नागरिक निकायों पर यह दायित्व है। पीठ ने अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि यदि उसके आदेश को दरकिनार किया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। बता दें कि पिछले कई वर्षों से हाई कोर्ट अवैध बैनर और होर्डिंग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है।
राजनीतिक दलों को वह इस संबंध में सचेत भी कर चुका है, लेकिन इसका किसी भी तरह का असर होता नहीं दिख रहा है। सभी राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा और मनसे ने इस दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की थी। लेकिन, स्थित नहीं बदली।
सुनवाई के दौरान एचसी ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने अधिकारियों को भी चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय को इतना भी बाध्य न करें कि हमें सख्त कार्रवाई करने की नौबत आए। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि हम आपको सावधान कर रहे हैं। न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई को दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर स्थिति यही रही तो वह नगर निकाय प्रमुखों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने के लिए नोटिस जारी करने के लिए बाध्य होगा। कोर्ट ने कहा कि इन पोस्टर और होर्डिंग्स को हटाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं उससे वह अवगत है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।