chhattisagrhTrending Now

भाजपा की सरकारों ने ओबीसी के अधिकारों को बांटने और छीनने का काम किया है : वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा

रायपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र और आरक्षण के मसले पर भारतीय जनता पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ। जानबुझकर षडयंत्र पूर्वक उनके अवसर कम किए गए। छत्तीसगढ़ में 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी की रमन सिंह की सरकार थी तब मुस्लिम संप्रदाय के 23 जातियों को ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी किया गया। ओबीसी आयोग की वेबसाइट में उक्त संदर्भ में अधिसूचना प्रकाशित की गई। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मुस्लिम संप्रदाय की 70 जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में खड़े होकर स्वीकार किया कि उन्होंने 52 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। हकीकत यह है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ओबीसी के अधिकारों को बांटने और छीनने का काम किया है।

आगे कहा है कि छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जितने भी मामले उजागर हुए हैं, लगभग सारे मामले भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल के है। 2003 से 2018 के बीच 267 प्रकरणों में जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। भाजपा नेताओं के संरक्षण में फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारीयो को संरक्षण मिला और तत्कालीन भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही फर्जी प्रमाणपत्र धारी न्यायालय से स्टे पा गए जो आज तक सरकारी नौकरी कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी मूलतः आरक्षण विरोधी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत, आरएसएस प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य से लेकर भाजपा के सांसद, मंत्रियों ने समय-समय पर आरक्षण विरोधी जहर उगलते रहे। भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार ने आरक्षण के संदर्भ में उच्च न्यायालय में जानबूझकर पक्ष नहीं रखा, सीएस कमेटी की रिपोर्ट और ननकी राम कमेटी के तथ्यों को छुपाया जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग का अहित हुआ। यही नहीं अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण में तो पूर्ववर्ती रमन सरकार ने अनुचित कटौती भी की। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों के लिए उचित आरक्षण के प्रावधान संबंधी नवीन आरक्षण विधेयक पारित किया, जिसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़कर 32 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढा़कर 13 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ईओडब्ल्यू के लिए भी चार प्रतिशत के आरक्षण का उपबंध किया था जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इशारे पर आज तक राजभवन में लंबित है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को क्या बताना चाहिए की छत्तीसगढ़ की सर्वहारा जनता से वह किस बात का बदला ले रही है आखिर नवीन आरक्षण विधेयक कब तक राजभवन में कैद रहेगा?

 

Advt_07_002_2024
Advt_07_003_2024
Advt_14june24
july_2024_advt0001
Share This: