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BILASPUR HIGH COURT : पति की शराबखोरी और अवैध संबंध मानसिक क्रूरता – हाईकोर्ट

BILASPUR HIGH COURT: Husband’s alcoholism and illicit relations constitute mental cruelty – High Court

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति की शराबखोरी और अवैध संबंध को मानसिक क्रूरता मानते हुए पत्नी को तलाक की मंजूरी दे दी है। अदालत ने टिप्पणी की कि अवैध संबंध से पत्नी और परिवार को सामाजिक बदनामी झेलनी पड़ती है, जो मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए पत्नी के पक्ष में निर्णय सुनाया।

क्या है पूरा मामला?

जांजगीर-चांपा की रहने वाली महिला की शादी 7 जून 1991 को हुई थी। शादी के समय वह पढ़ाई कर रही थी और आगे भी अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती थी, लेकिन पति और उसके परिवार ने इसका विरोध किया। पढ़ाई करने पर उसे गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा।

शादी के बाद तीन बच्चे हुए, लेकिन पति के व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया। वह अत्यधिक शराब पीता था, पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता था। 29 साल तक महिला ने परिवार को बचाने की कोशिश की, लेकिन जब हालात नहीं बदले तो बच्चों के साथ पति से अलग रहने का फैसला किया।

फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी थी तलाक की अर्जी

2018 में महिला ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन किया, जिसमें बताया कि उसका पति परिवार चलाने के लिए कुछ नहीं करता, शराब पीकर गाली-गलौज और मारपीट करता है। लेकिन फैमिली कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।

हाईकोर्ट में अपील के बाद मिला न्याय

फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई के दौरान महिला ने पति पर शराबखोरी, अवैध संबंध और मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए। कोर्ट ने पाया कि पति ने इन आरोपों का खंडन नहीं किया।

बेटी की गवाही बनी अहम सबूत

मामले में महिला की बेटी ने भी पिता के खिलाफ गवाही दी और बताया कि उसके पिता का व्यवहार हमेशा क्रूर रहा है। उसने स्पष्ट किया कि वह और उसकी मां पिता के साथ नहीं रहना चाहते। हाईकोर्ट ने बेटी की गवाही को महत्वपूर्ण मानते हुए तलाक को मंजूरी दे दी।

हाईकोर्ट की टिप्पणी

अदालत ने कहा कि पति का अत्यधिक शराब पीना और अवैध संबंध रखना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। इससे पत्नी और परिवार को सामाजिक बदनामी झेलनी पड़ती है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने पत्नी को तलाक देने का आदेश दिया।

एक अन्य मामले में हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा कि अगर पत्नी बार-बार मायके जाती है और पति को उसके माता-पिता से अलग रहने की जिद करती है, तो यह पति के साथ मानसिक क्रूरता के समान है। ऐसे मामलों में पति को तलाक का अधिकार मिल सकता है। अदालत ने इस केस में पति की तलाक की अर्जी को मंजूर कर पत्नी को 5 लाख रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

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