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BIG UPDATE : दिल्ली को राज्य का दर्जा नहीं देना चाहते थे नेहरू – अमित शाह

BIG UPDATE: Nehru did not want to give statehood to Delhi – Amit Shah

जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), राजेन्द्र प्रसाद और आंबेडकर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के ख़िलाफ़ थे.

नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ़ दिल्ली (संशोधन) बिल पर लोकसभा में चर्चा कहते हुए देश के गृह मंत्री अमित शाह ये कहा.

उन्होंने अपनी बात के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि इसकी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है.

शाह ने कहा, “दिल्ली की स्थापना 1911 में अंग्रेज़ों के शासन के वक्त दिल्ली और महरौली दो तहसीलों को पंजाब प्रांत से अलग तक के बनाई गई थी. 1919 और 1935 में ब्रितानी सरकार ने दिल्ली चीफ़ कमिशनर प्रोविन्स का नोटिफ़िकेशन किया और दिल्ली को चीफ़ कमिशनर प्रोविन्स के तौर पर रखा गया था.”

“आज़ादी के बाद पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को राज्य स्तर का दर्जा देने की सिफारिश की थी, लेकिन जब ये सिफारिश सदन के सामने आई तक जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेन्द्र प्रसाद और भीमराव आंबेडकर ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये उचित नहीं होगा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए.”

अमित शाह ने सदन से कहा कि उस वक्त नेहरू ने जो चर्चा की थी, आज वो उसके एक हिस्से को पढ़ना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, “दो साल पहले सदन ने सीतारमैया समिति की नियुक्ति की. अब जब रिपोर्ट आई तो दुनिया बदल चुकी है, भारत बदल गया है और दिल्ली काफी हद तक बदल चुकी है. इसलिए दिल्ली में हुए इन परिवर्तनों की परवाह किए बगैर उस समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते.”

 

 

 

 

 

 

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