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गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान

नई दिल्ली: कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कहा कि वह जम्मू कश्मीर में जल्द ही अपनी नयी पार्टी बनाएंगे। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होंगे। गुलाम नबी आजाद ने करीब पांच दशकों के बाद शुक्रवार को पार्टी को अलविदा कह दिया और दावा किया कि देश का सबसे पुराना दल अब समग्र रूप से नष्ट हो चुका है तथा इसका नेतृत्व आतंरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। आजाद ने कहा कि वह अपने समर्थकों तथा लोगों से मुलाकात करने के लिए जल्द ही जम्मू कश्मीर जाएंगे। उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद टीवी चैनलों से कहा, ‘मैं जल्द ही जम्मू कश्मीर जाऊंगा। मैं जम्मू कश्मीर में जल्द ही अपनी पार्टी बनाऊंगा। मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा।’ उन्होंने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘अपरिपक्व और बचकाने व्यवहार’ का भी आरोप लगाया और कहा कि अब सोनिया गांधी नाममात्र की नेता रह गई हैं क्योंकि फैसले राहुल गांधी के सुरक्षागार्ड और निजी सहायक करते हैं। आजाद ने अपने इस्तीफे में कहा कि पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वह पंचमढ़ी (1998), शिमला (2003) और जयपुर (2013) में हुए पार्टी के मंथन में शामिल रहे हैं, लेकिन तीनों मौकों पर पेश किये गये सलाह-मशवरों पर कभी गौर नहीं किया गया और न ही अनुशंसाओं को लागू किया गया। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना पिछले नौ वर्षों से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ‘स्टोररूम’ में पड़ी है। इस्तीफे में आगे कहा है कि साल 2014 से सोनिया गांधी के नेतृत्व में और उसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस शर्मनाक तरीके से दो लोकसभा चुनाव हार गई है। पार्टी 2014 और 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से 39 में भी हार गई। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी की स्थिति खराब हुई है। चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने आवेग में आकर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। संप्रग सरकार की संस्थागत अखंडता को खत्म करने वाला ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ अब कांग्रेस पर लागू होता है।

 

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