BIG POLITICS : फिर सुर्खियों में सचिन पायलट, सीएम अशोक गहलोत से किया सवाल, बैठेंगे अनशन पर ..
BIG POLITICS: Sachin Pilot in headlines again, question asked to CM Ashok Gehlot, will sit on hunger strike ..
राजस्थान। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पायलट अब एक दिन के अनशन पर बैठने जा रहे हैं। अपनी ही सरकार से नाराज पायलट 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे। पायलट जिस दिन अनशन पर बैठने जा रहे हैं उस दिन ज्योतिबा फुले की जयंती है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ अक्सर ‘शब्द बाण’ चलाते रहते हैं। पायलट के इस अनशन के ऐलान के बाद कांग्रेस के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं, लेकिन यह अनशन कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा फायदा भी देने वाला है।
आइए समझते हैं…
कांग्रेस-बसपा के खिलाफ बड़ा सियासी दांव –
सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी के सीएम अशोक गहलोत से सवाल किया है कि पिछली भाजपा सरकार ने जो भ्रष्टाचार किए थे उनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? पायलट इसी मुद्दे को लेकर अनशन पर बैठने जा रहे हैं। पायलट ने इसके लिए एक खास दिन का चुनाव किया है। पायलट ज्योतिबा फुले की जयंती पर अनशन पर बैठेंगे। दरअसल, चुनाव से पहले भाजपा दलित वोट को साधने में जुट गई है। 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती है लेकिन इससे एक हफ्ते पहले 6 अप्रैल से ही भाजपा इसे मना रही है। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सबसे बड़ी नेता मायावती ज्योतिबा फुले को अपना आदर्श मानती हैं। अक्सर उन्होंने मंचों से इस बात का जिक्र भी किया है। ऐसे में पायलट ने अनशन के लिए इसी दिन का चुनाव कर एक बड़ा मैसेज दिया है।
समझें इसके मायने –
राजस्थान चुनाव में भाजपा और बसपा दोनों दलित वोटरों को साधने में जुटे हैं। ऐसे में पायलट ने दोनों दलों पर निशाना साधते हुए अनशन का ऐलान ज्योतिबा फुले की जयंती पर किया है। सामाजिक क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले का महिलाओं और दलितों के बीच खासा प्रभाव है। कई राज्यों की महिलाएं और दलित ज्योतिबा को अपना आदर्श मानते हैं। ऐसे में ज्योतिबा फुले की जयंती पर अनशन कर पायलट एक बड़ा संदेश देने का प्लान बना रहे हैं।
राजस्थान में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। ऐसे में पायलट की इस नाराजगी से कांग्रेस को कई नुकसान हो सकते हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पायलट कांग्रेस आलाकमान से नाराज नहीं है। उनकी नाराजगी बस सूबे के सीएम अशोक गहलोत से है। ऐसे में अगर आलाकमान नाराज पायलट को मना लेती है तो इस अनशन से भी कांग्रेस को एक बड़ा फायदा मिल सकता है। राज्य की महिला और दलित वोटरों का सपोर्ट कांग्रेस को मिल सकता है।
कौन थे ज्योतिबा फुले ? –
सामाजिक क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले का पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। ज्योतिबा एक समाज सुधारक होने के साथ-साथ समाजसेवी और क्रांतिकारी भी थे। ज्योतिबा ने लड़कियों के शिक्षा के अधिकार के लिए अथक प्रयास किया। ज्योतिबा बाल विवाह के विरोधी थे। ज्योतिबा को लोग ‘महात्मा’ कहकर भी बुलाते थे। ज्योतिबा का महिलाओं और दलित समाज के बीच खासा प्रभाव है।