BIG NEWS : बढ़ती महंगाई से दबाव का सामना करने वाले देशों को इमरजेंसी फंड देगी IMF, जंग का दुनिया पर असर
IMF will provide emergency fund to countries facing pressure from rising inflation, impact of war on the world
वाशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने यूक्रेन की मौजूदा जंग के कारण पूरी दुनिया में खाने-पीने के सामानों की बढ़ती महंगाई से दबाव का सामना करने वाले देशों को इमरजेंसी फंड देने के लिए सोमवार को एक योजना पर विचार किया. आईएमएफ की ये योजना रूस के हमले का शिकार हुए यूक्रेन और उसके कारण परेशान हो रहे दूसरे देशों को खाद्य पदार्थों की कीमतों की महंगाई का सामना करने में मदद करेगी.
न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक हाल के महीनों में आईएमएफ ने इस योजना को तैयार किया है. जिससे जंग के कारण बजट की समस्याओं से जूझ रहे देशों को आईएमएफ की मदद एक नियमित फंड कार्यक्रम की जरूरी शर्तों को लागू किए बिना मिलेगी. सूत्रों ने कहा कि बहरहाल इस योजना को अभी औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं मिली है. फिलहाल बोर्ड के ज्यादातर सदस्य आम तौर पर बैठक में इस मसौदे का समर्थन कर रहे थे. इस योजना के लिए एक औपचारिक वोटिंग अक्टूबर में आईएमएफ की सालाना बैठक से पहले होने की उम्मीद है.
अगर इस योजना को मंजूरी मिल जाती है, तो यह अस्थाई रूप से इमरजेंसी फंड की मौजूदा मदद की सीमा को बढ़ा देगा. इससे सभी सदस्य देशों को आईएमएफ के रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट के तहत अपने आईएमएफ कोटे का अतिरिक्त 50% तक उधार लेने की सुविधा मिलेगी. जबकि कम आय वाले देश रैपिड क्रेडिट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. आईएमएफ की ये योजना सरल है और यह कई देशों की मदद कर सकती है.
गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की सप्लाई पर असर पड़ा है. सप्लाई के रास्तों के बंद होने और कई तरह के व्यापार प्रतिबंधों के कारण जंग की शुरुआत के बाद दुनिया भर में खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई. हालांकि पिछले महीने यूक्रेनी बंदरगाहों से अनाज के निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हुए समझौते से अनाज व्यापार सुधरा है और उसकी कीमतें कुछ हद तक घटी हैं.