
Good news for farmer brothers, government will also buy withered wheat
डेस्क। किसान भाइयों आपके गेंहू की फसल गर्मी धूप के कारण खराब हो गई है तो चिंता की कोई बात नहीं है. केंद्र सरकार हरियाणा, पंजाब के किसानों के खराब, सूखे, मुरझाए, टूटे हुए गेंहू भी खरीदेंगी. भारतीय खाद्य निगम (FCI) इसके लिए मूल्य में कोई कटौती भी नहीं करेगी. किसानों को राहत देने के लिए 18 प्रतिशत तक खराब गेंहू सरकार लेने को तैयार है.
ज्यादा गर्मी की वजह से इस साल गेहूं की क्वालिटी खराब हुई है. इस लिहाज से सरकार ने ये फैसला लिया है. इस निर्णय से गेहूं की बिक्री को लेकर किसानों की कठिनाइयां कम होंगी. वर्तमान में सूखे, मुरझाए और टूटे हुए अनाज की सीमा सिर्फ 6 प्रतिशत है. यानी सरकार ने इसकी लिमिट में तीन गुना की वृद्धि कर दी है.
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक अनाज का सूखना, मुरझाना और टूटना एक प्राकृतिक घटना है. जो मार्च के महीने में देश के उत्तरी भाग में अत्यधिक गर्मी (Excessive heat) की लहर आने के परिणामस्वरूप सामने आई है. ये प्रतिकूल मौसम की स्थिति किसानों के नियंत्रण से बाहर है. इसलिए, ऐसी प्राकृतिक घटना के लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब और हरियाणा की मंडियों से बड़ी संख्या में गेहूं के सैंपल एकत्र करने के बाद इनका विश्लेषण एफसीआई की प्रयोगशालाओं में किया गया था. जांच में अलग-अलग प्रतिशत और एफएक्यू मानदंडों से हट कर सूखे और टूटे हुए अनाज की उपस्थिति के संकेत मिले थे. इसे देखते हुए किसानों को फायदा देने का फैसला लिया गया. बता दे कि इसी तरह का निर्णय 2020-21 में भी लिया गया था, जब किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए 16 प्रतिशत तक की छूट दी गई थी.
बता दे कि इन राज्यों ने पंजाब और हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए गेहूं के फेयर एंड एवरेज क्वालिटी (FAQ) में 20 प्रतिशत तक की छूट मांगी थी.