BIG NEWS : 561 घरों में आईं दरारें, जोशीमठ पर धंसने का मंडरा रहा खतरा ! सीएम ने बुलाई आपात बैठक
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BIG NEWS : Cracks appeared in 561 houses, threat of collapse looms large on Joshimath! CM called an emergency meeting
डेस्क। उत्तराखंड के जोशीमठ पर धंसने का खतरा मंडरा रहा है। यहां के 9 इलाकों में 561 ऐसे मकान हैं, जहां दरारें आ गई हैं। आज (6 दिसंबर को) सीएम पुष्कर सिंह धामी इसको लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। बता दें कि मशहूर पर्यटन स्थल जोशीमठ पर इन दिनों अस्तित्व का संकट आ गया है। यहां कई जगहों पर जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरारें हो गई हैं। कई जगहों पर दीवारों से पानी निकल रहा है और लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उनका घर न गिर जाए।
जोशीमठ के 561 घरों में आईं दरारें –
बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 561 घर ऐसे मिले हैं, जिनमें दरारें आई हैं। 2 होटल को सुरक्षा की वजह से बंद करना पड़ा है, जबकि अब तक 38 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। जान लें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज देहरादून में चमोली जिले के जोशीमठ में मकानों में आई दरारों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस बैठक में आपदा, सिंचाई एवं गृह विभाग के अधिकारियों के अलावा आयुक्त गढ़वाल मंडल व डीएम चमोली भी शामिल होंगे।
रोका गया NTPC परियोजना का काम –
इस बीच, गढ़वाल मंडल के कमिश्नर सुशील कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि NTPC परियोजना का काम रोक दिया गया है. NTPC टनल की भी जांच की जाएगी। घरों में दरारें चिंता की बात है। प्रथम दृष्ट्या लगता है कि नीचे कोई पानी का चैनल है, इसलिए दरार है लेकिन वैज्ञानिक रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं। किसी भी आपदा से निपटने के लिए हम तैयार हैं।
जोशीमठ में जमीन के धंसने का खतरा –
गौरतलब है कि उत्तराखंड के ऐतिहासिक शहर जोशीमठ में जमीन के धंसने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल नवंबर में जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण घरों में दरारें होने की बात सामने आई थी, पर यहां अब धरती फाड़कर जगह-जगह पर पानी निकल रहा है। जोशीमठ की समस्या के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कई बड़े फैसले लिए हैं।
जानकारी के अनुसार, जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में पिछले कई माह से लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही थीं। इसके बाद बद्रीनाथ नेशनल हाईवे-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट के पास कॉलोनी में पानी दीवारों के अंदर से और जमीन से फूटकर निकलने लगा।