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BIG NEWS : ‘जो देश आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं….’, ड्रग्स को लेकर लोकसभा में बोले अमित शाह

BIG NEWS : ‘Countries which are promoting terrorism….’, Amit Shah said in Lok Sabha regarding drugs

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (21 दिसंबर) को लोकसभा में नशीले पदार्थों के खतरे के मुद्दे और आतंकवाद पर बयान दिया. अमित शाह ने कहा कि देश में मादक पदार्थों की समस्या एक गंभीर समस्या है. उन्होंने दावा किया कि भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए कर रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार की ड्रग्स के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं. इस गंदे पैसे की मौजूदगी भी धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला कर देती है. ड्रग्स का खतरा एक गंभीर समस्या है जो पीढ़ियों को नष्ट कर रही है.

अमित शाह ने ड्रग्स के खतरे पर कही ये बात

अमित शाह ने ये भी आरोप लगाया कि जो राज्य केंद्रीय एजेंसियों की मदद नहीं करते हैं वे ड्रग्स तस्करों को सक्षम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को संसद की ओर से एनसीबी के साथ मादक पदार्थों की तस्करी की जांच करने का अधिकार दिया गया है. शाह ने कहा कि NCB पूरे देश में जांच कर सकती है यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो NCB प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है. यहां तक कि NIA भी राज्यों की मदद कर सकती है.

“नशा तस्करों को बख्शा नहीं जाना चाहिए”

केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि हमने राज्यों में ड्रग नेटवर्क की मैपिंग की है. अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगले दो साल में ऐसी स्थिति आएगी कि वह सलाखों के पीछे होगा. हमारी सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है, नशा करने वाले पीड़ित हैं, हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और पीड़ितों को उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए, लेकिन नशा तस्करी में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.

“एजेंसियों पर विश्वास दिखाना चाहिए”

अमित शाह ने कहा कि राजस्व विभाग, एनसीबी और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों को एक साथ इस खतरे के खिलाफ काम करना होगा. बॉर्डर्स केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती हैं, लेकिन जब हम बीएसएफ को अधिकार देते हैं तो कहा जाता है कि राज्यों के अधिकार लिए जा रहे हैं, अब वहां बीएसएफ कैसे काम करेगी? बीएसएफ ड्रग्स जब्त करती है, लेकिन मामला दर्ज करने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं. बिना अधिकारों के एजेंसियां काम नहीं कर सकतीं, उन्हें अधिकार देने होंगे. हमें अपनी एजेंसियों पर विश्वास दिखाना चाहिए. शाह ने कहा कि साल 2006 से 2013 के बीच में 22 लाख 41 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई जबकि 2014 से 2022 तक 62 लाख 60 हजार की ड्रग्स पकड़ी गई. कीमत में देखें तो तब 23 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई थी जबकि अब 97 हजार करोड़ की ड्रग्स पकड़ कर जला दी गई है.

“1 लाख 60 हजार किलो से अधिक ड्रग्स जलाया”

अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हमने एक लक्ष्य लिया था कि हम 60 दिन में 75 हजार किलो ड्रग्स को जलाएंगे, लेकिन मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हमने 1 लाख 60 हजार किलो से अधिक ड्रग्स को जलाया है. उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से इंटरपोल को आग्रह किया गया है कि नारकोटिक्स और आतंकवाद के गठजोड़ का रियल टाइम इन्फॉर्मेंशन का सिस्टम बनाए, इस से विभिन्न देशों के बीच समन्वय बढ़ेगा.

 

 

 

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