बड़ी खबर :मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना” के हितग्राहियों को आज 23.93 करोड़ रूपए का करेंगे भुगतान

गोबर विक्रेताओं को 5.36 करोड़, स्व-सहायता समूहों एवं गौठान समितियों को 2.77 करोड़ रूपए का होगा भुगतान
0-स्व-सहायता समूहों और सहकारी समितियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के रूप में 13.55 करोड़ रूपए का भुगतान
0-गौठान समितियों के 42644 सदस्यों को 2.25 करोड़ रूपए का मानदेय
रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को आज अपने निवास कार्यालय रायपुर में गोधन न्याय योजना के ऑनलाईन राशि वितरण कार्यक्रम में योजना के हितग्राहियों के बैंक खातों में 23 करोड़ 93 लाख रूपए अंतरित करेंगे। जिसमें गोबर विक्रेताओं को 5.36 करोड़ रूपए, गौठान समितियों को 1.63 करोड़ रूपए एवं स्व-सहायता समूहों की 1.14 करोड़ रूपए की लाभांश राशि के साथ ही स्व-सहायता समूहों को 12.32 करोड़ रूपए तथा सहकारी समितियों को 1.23 करोड़ रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि और स्वावलंबी गौठान समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों को 2.25 करोड़ रूपए की मानदेय राशि शामिल है। गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 551 करोड़ 31 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। आज 29 करोड़ 93 लाख रूपए के भुगतान के बाद कुल भुगतान का यह आंकड़ा बढ़कर 581.24 करोड़ रूपए हो जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौठानों में 15 अगस्त से 31 अगस्त तक क्रय किए गए 2.68 लाख क्विंटल गोबर के एवज में गोबर विक्रेताओं को 5.36 करोड़ रूपए का ऑनलाइन भुगतान करेंगे। गौठानों में अब तक 133.22 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसकी एवज में पशुपालन किसानों को 261.08 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। आज 5.36 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद गोबर क्रय की कुल राशि 266.44 करोड़ रूपए हो जाएगी। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज भुगतान की जाने वाली 2.77 करोड़ रूपए की राशि के बाद इनको होने वाले भुगतान की राशि 275.01 करोड़ रूपए हो जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस मौके पर गोबर से कम्पोस्ट खाद के उत्पादन से जुड़े स्व-सहायता समूहों को कम्पोस्ट खाद के विक्रय पर प्रति किलोग्राम एक रूपए के मान से कुल 12 करोड़ 32 लाख रूपए तथा सहकारी समितियों को प्रति किलो 10 पैसे मान से कुल 1 करोड़ 23 लाख रूपए प्रोत्साहन राशि के रूप में ऑनलाईन जारी करेंगे। मुख्यमंत्री स्वावलंबी गौठानों के 42 हजार 644 सदस्यों को मानदेय के रूप में 2 करोड़ 25 लाख रूपए उनके बैंक खातों में भी अंतरित करेंगे।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में स्वावलंबी गौठान समितियों की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में निर्मित एवं संचालित 10288 गौठानों में से 6252 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर विक्रेताओं से गोबर क्रय कर रहे है। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 76 करोड़ 42 लाख रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है। आज गोबर विक्रेताओं को भुगतान की जाने वाली राशि 5.36 करोड़ रूपए में से 3.33 करोड़ रूपए की राशि स्वावलंबी गौठानों द्वारा तथा 2.03 करोड़ रूपए का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा।
ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से 60.82 लाख की आय
गौमूत्र से तैयार जैविक कीटनाशक और फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री से महिला स्व-सहायता समूहों को 60 लाख 82 हजार 900 रूपए की आय अर्जित हो चुकी है। गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र खरीदकर महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं इससे ब्रम्हास्त्र और जीवामृत तैयार कर रही हैं, जिसे किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान अब महंगे रासायनिक पेस्टिसाइट के बदले जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और जीवामृत का उपयोग खेती में करने लगे हैं।
गौठानों में अब तक 2 लाख 36 हजार 81 लीटर गौमूत्र क्रय किया गया है, जिसका मूल्य 9 लाख 44 हजार 324 रूपए है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौमूत्र से अब तक 1,00,843 लीटर कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 35,445 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन किया जा चुका है, जिसका विक्रय किया जा रहा है। राज्य के किसानों द्वारा अब तक 97,024 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 33698 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत क्रय कर खेती में उपयोग किया गया है, जिससे समूहों को कुल 60 लाख 82 हजार 900 रूपए की आय हुई है।