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रीपा योजना भ्रष्टाचार मामले में हुआ बड़ा एक्शन: तीन सचिव सस्पेंड समेत तीन सीईओ को जारी हुआ शो-कॉज

बलौदाबाजार । छत्तीसगढ़ सरकार की बहुचर्चित रीपा योजना (महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क) में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। बलौदाबाजार जिले में इस योजना के क्रियान्वयन में भारी अनियमितताओं और घोटाले के आरोपों के बाद शासन ने सख्त कार्रवाई की है।

शंकर साहू-ग्राम पंचायत बिरकोनी, जनपद पंचायत महासमुंद, खिलेश्वर ध्रुव-ग्राम पंचायत गिर्रा, जनपद पंचायत पलारी, टीकाराम निराला-ग्राम पंचायत लटुआ, इन सचिवों पर आरोप है कि इन्होंने भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया, बिना तकनीकी परीक्षण मशीन खरीदी, और देय राशि का टुकड़ों में भुगतान किया।

जनपद पंचायत के अधिकारी
रोहित नायक-तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत पलारी, रवि कुमार-तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार, लिखत सुल्ताना-तत्कालीन सीईओ, जनपद पंचायत महासमुंद को शो काज नोटिस दिया गया है।

जांच में खुले भ्रष्टाचार के कई परतें
रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे की ओर से कराई गई जांच में सामने आया कि रीपा योजना के तहत तकनीकी परीक्षण के बिना मशीनों की खरीदी की गई। मशीनें भंडार क्रय नियमों को दरकिनार कर खरीदी गईं, और उनके भुगतान में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।

केंद्रों में जंग खा रहीं मशीनें, कुछ चोरी भी
जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लाखों-करोड़ों रुपये की मशीनें ग्रामीण औद्योगिक केंद्रों में यूं ही बेकार पड़ी हैं। इनमें से कई मशीनें उपयोग में नहीं हैं, तो कुछ गायब (चोरी) भी हो चुकी हैं।रीपा योजना के तहत काम करने वाले पूर्व सरपंचों को भी उनके कार्यों का भुगतान नहीं किया गया, जिससे गुस्सा और नाराजगी बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार और लापरवाही की इस पूरी श्रृंखला ने योजना की मूल भावना को ही सवालों के घेरे में ला दिया है।

 

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