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बच्चों के भोजन में फिनाइल गोली मामले में बड़ी कार्रवाई : अधीक्षक और सहायक अधीक्षक हटाए गए, शिक्षक को भी किया निलंबित

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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड स्थित आवासीय पोटाकेबिन विद्यालय पाकेला में बीते दिनों बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन में फिनाइल गोली मिलने से हड़कंप मच गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तत्काल कार्रवाई कर कई जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की है।

शिक्षक निलंबित, FIR दर्ज के बाद आरोपी गिरफ्तार

मामले में विद्यालय में पदस्थ शिक्षक धनंजय साहू (शिक्षक एल.बी.) पर गंभीर आरोप लगने और थाना छिन्दगढ़ में प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा ।

 

अधीक्षक स्तर पर भी कार्रवाई

प्रशासनिक दृष्टिकोण से दुजाल पटेल (शिक्षक एल.बी.) को अधीक्षक, बालक आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन पाकेला के प्रभार से मुक्त करते हुए उन्हें जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, सुकमा में संलग्न कर दिया गया है। उनके स्थान पर गौतम कुमार ध्रुव (शिक्षक एल.बी., माध्यमिक शाला पेदापारा, विकासखंड छिन्दगढ़) को अधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। आदेशानुसार उनका वेतन मूल पदस्थापना संस्था से ही आहरित किया जाएगा।

 

सहायक अधीक्षक को हटाया गया, नई नियुक्ति

विद्यालय के सहायक अधीक्षक भवन सिंह मंडावी (सहायक शिक्षक एल.बी.) को भी उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है। उनकी जगह रतन सिंह पैकरा (शिक्षक एल.बी., माध्यमिक शाला उदलतरई, विकासखंड छिन्दगढ़) को आगामी आदेश तक सहायक अधीक्षक का कार्यभार सौंपा गया है।

 

कलेक्टर ध्रुव का स्पष्ट संदेश

कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि “बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवासीय विद्यालयों की सतत निगरानी की जाए और बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाए।

 

भोजन में मिली थी फिनाइल गोली

घटना 21 अगस्त की रात की है। छिंदगढ़ इलाके के पोटाकेबिन स्कूल में रोजाना की तरह भोजन परोसने से पहले चखने की प्रक्रिया की गई। जैसे ही चम्मच मुंह तक गया, तेज गंध आने पर पता चला कि खाने में फिनायल मिला हुआ है। इसके बाद तुरंत भोजन परोसना रोक दिया गया। गनीमत रही कि समय रहते मामला पकड़ में आ गया, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

 

वहीं घटना के बाद कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की और एसडीएम व अन्य अधिकारियों को मंगलवार तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आज यानी बुधवार को कार्रवाई की गई।

 

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

इस घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इसे बेहद संवेदनशील बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामे के साथ जवाब तलब किया है। साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूलों में बच्चों का भोजन पूरी सावधानी से बनाया और परोसा जाए। मामले की अगली ‘सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

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