BHOPAL GAS TRAGEDY : भोपाल गैस त्रासदी का जहरीला कचरा, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एमपी सरकार को जारी किया नोटिस

BHOPAL GAS TRAGEDY: Toxic waste of Bhopal gas tragedy, Supreme Court issues notice to Central and MP government
नई दिल्ली। भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को धार जिले के पीथमपुर में नष्ट करने के मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि इस कचरे के निस्तारण से इलाके में विकिरण और प्रदूषण का गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। शीर्ष अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए सभी संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है।
गांवों और जलस्रोतों को खतरा
याचिका में कहा गया है कि कचरा निपटान स्थल से महज 250 मीटर की दूरी पर एक गांव बसा हुआ है और 4-5 अन्य गांव भी एक किलोमीटर के दायरे में आते हैं। बावजूद इसके, सरकार ने अब तक वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया है, जिससे हजारों लोगों की जान और स्वास्थ्य पर गंभीर जोखिम बना हुआ है।
इसके अलावा, यह निस्तारण स्थल इंदौर शहर से मात्र 30 किलोमीटर दूर है, जो प्रदेश का सबसे बड़ा और घनी आबादी वाला शहर है। इस क्षेत्र में जहरीले कचरे के निस्तारण के लिए कोई स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) नहीं बनाई गई है और न ही जल एवं मृदा प्रदूषण की निगरानी के लिए कोई प्रभावी तंत्र स्थापित किया गया है।
2015 की रिपोर्ट के आधार पर फैसला, ताजा परीक्षण नहीं
याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार और पर्यावरण मंत्रालय ने पीथमपुर में कचरे के निस्तारण के लिए हाईकोर्ट से अनुमति लेने के लिए 2015 में किए गए परीक्षणों की रिपोर्ट का हवाला दिया, जबकि हाल के वर्षों में कोई नया विस्तृत अध्ययन नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि भोपाल गैस त्रासदी की वजह से हजारों टन जहरीला कचरा अब भी मध्य प्रदेश में पड़ा हुआ है और इसके सुरक्षित निस्तारण को लेकर लगातार विवाद जारी है। पहले भी इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था, लेकिन तब शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट में अपनी बात रखने को कहा था। अब हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है। अब 24 फरवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि भोपाल गैस त्रासदी का यह जहरीला कचरा पीथमपुर में नष्ट किया जाएगा या नहीं।