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ASSEMBLY WINTER SESSION : आरक्षण पर जमकर हुआ हंगामा, विधानसभा सत्र कल तक के लिए स्थगित !

ASSEMBLY WINTER SESSION: Uproar over reservation, assembly session adjourned till tomorrow!

रायपुर। छत्त्तीसगढ़ विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार यानी आज से शुरू हो गया है। बता दें यह सत्र 6 जनवरी तक चलेगा। सत्र के पहले दिन आज भानूप्रतापपुर उपचुनाव की नवनिर्वाचित विधायक सावित्री मंडावी ने शपथ ग्रहण किया। इसके बाद सदन ने अविभाजित मध्यप्रदेश के विधानसभा के पूर्व सदस्य मंगल राम उसेंडी के निधन पर दिवंगत आत्मा के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया। उसके बाद सदन 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। सत्र के पहले दिन ही आरक्षण को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच दोर विधानसभा के कार्यवाई को स्थगित भी किया। आरक्षण बिल को लेकर हंगामा के बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण के मुद्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार केवल मगरमच्छ की आंसू बहा रही है। यह सरकार लोगों को आरक्षण नहीं देना चाहती। लोगों को गुमराह कर रही है और आंदोलन करने की बात कर रही है। राज्यपाल पर राजनीति गलत है।सरकार क्वाटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है। आरक्षण के मामले में सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।

जल-जीवन मिशन पर सदन में घिरे पीएचई मंत्री –

शीतकालीन सत्र प्रश्नकाल से हुआ शुरू जो काफी हंगामेदार रहा। विपक्ष ने पीएचई मंत्री रुद्र गुरु को जल जीवन मिशन के सवालो से घेरा। विपक्ष के नारायण चंदेल ने 100 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। वहीं जब रुद्र गुरु जवाब नहीं दे पाए तो विपक्ष द्वारा सदन से वाकआउट किया गया। दरअसल, भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने जल जीवन मिशन के टेंडर प्रक्रिया को लेकर सत्तापक्ष को घेरा और सवाल किया। विपक्ष ने जल जीवन मिशन में केंद्र के फंड के बंदरबांट का आरोप लगाया।

बिलासपुर में 201 टेंडर का मामला –

80 रिटेंडर और 15 टेंडर की समय सीमा बढ़ाना पड़ा था। अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल ने सदन की समिति से जांच की मांग की।

सीमेंट फैक्ट्रियों के द्वारा ग्रीन बेल्ट की स्थापना को लेकर सवाल किया। विधायक कुलदीप जुनेजा ने उठाया सवाल। न्यूवोको, अल्ट्राटेक, न्यू विस्टा, अंबुजा, इमामी सीमेंट संयंत्रों द्वारा लगाया गये वृक्षों की मांगी जानकारी।

वन मंत्री ने सभी फैक्ट्रियों को आवंटित जगहों पर वृक्ष लगाने की दी जानकारी। आवंटित जमीन पर एक तिहाई से अधिक वृक्ष लगाए जाने की सदन में मंत्रियों ने दी जानकारी।

कुलदीप जुनेजा ने बताया वृक्ष नहीं लगाए गए हैं ज्यादातर जगह पर वृक्ष मर गए हैं। विधायकों की समिति से जांच कराने की कुलदीप जुनेजा ने मांग की। विपक्ष ने भी कुलदीप जुनेजा का साथ दिया।

विधायकों की समिति से जांच की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया। वन मंत्री ने बताया कि किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि विधायकों ने अभी शिकायत की है इसकी भौतिक सत्यापन कराएं। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर वन मंत्री ने विभागीय तौर पर भौतिक सत्यापन करने का आश्वासन दिया।

कौन हैं सावित्री मंडावी? –

सावित्री का भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 30 साल से नाता है। सावित्री के पति दिवंगत विधायक मनोज मंडावी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। मनोज मंडावी को कांग्रेस ने पहली बार भानुप्रतापपुर से 1998 में प्रत्याशी बनाया था। इससे पहले मनोज युवक कांग्रेस और छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय थे। सावित्री, मनोज मंडावी के हर कदम में उनका साथ देती थीं। युवा राजनीति से लेकर विधायक बनने और विधानसभा उपाध्यक्ष तक पहुंचने के दौरान भले ही मनोज क्षेत्र में सक्रिय थे, लेकिन घर पर मिलने वालों की समस्या सुनने का काम सावित्री करती थी।

गौरतलब है कि विपक्षी दल भाजपा के विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में सदन में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई। जनता कांग्रेस छत्त्तीसगढ़ (जकांछ) ने भी सरकार पर हमला करने की तैयारी की है। बता दें विधानसभा सत्र के लिए 715 सवाल पूछे गए हैं। इधर, आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने के विरोध मेें कांग्रेस तीन जनवरी को साइंस कालेज मैदान से राजभवन तक जन अधिकार रैली निकालने जा रही है। इसमें एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पूरा मंत्रिमंडल इसमें शामिल होगा।

विधानसभा में तीन दिसंबर को सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया था, लेकिन एक महीने बाद भी राज्यपाल अनुसुईया उइकेने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है। कांग्रेस लगातार यह आरोप लगा रही है कि राज्यपाल भाजपा नेताओें केदबाव में विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं। इसे लटकाने के लिए ही राज्य सरकार से लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं। बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति वर्ग केलिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति केलिए 13 प्रतिशत, ओबीसी केलिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है।

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