ANKITA MURDER CASE : लापरवाही और आरोपियों से मिलीभगत का आरोप, DM ने पटवारी को सस्पेंड किया
ANKITA MURDER CASE: Alleged negligence and complicity with the accused, DM suspends Patwari
नई दिल्ली। अंकिता मर्डर केस में पौड़ी के जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने यम्केश्वर ब्लॉक के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को एसडीएम यम्केश्वर की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। वैभव प्रताप सिंह पर एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में अंकिता के मामले में लापरवाही करने और आरोपियों से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है और इस मामले को गंभीर बताया है।
रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी 19 साल की अंकिता भंडारी –
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनतारा रिजॉर्ट में 19 साल की अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। अंकिता भंडारी की कथित रूप से रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के पास चीला नहर में धकेलकर हत्या कर दी थी। इससे पहले, अंकिता की गुमशुदगी के मामले में 23 सितंबर को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिन्होंने पूछताछ में उसकी हत्या की बात स्वीकार की थी। आरोपियों की निशानदेही पर अंकिता का शव 24 सितंबर को चीला नहर से बरामद किया गया था।
घटना के बाद भाजपा ने आर्य को पार्टी से निकाला –
इस मामले में मुख्य आरोपी पुलकित हरिद्वार के पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है। घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस हत्याकांड से पूरे राज्य में रोष है जहां अंकिता के हत्यारों को तत्काल फांसी दिए जाने की मांग को लेकर लोगों ने कई घंटों तक श्रीनगर में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित रखा। अलकनंदा नदी के तट पर रविवार शाम अंकिता के अंतिम संस्कार में भी हजारों लोगों की भीड़ शामिल हुई और उसके लिए इंसाफ की मांग की।
“मुझे अंतिम समय में बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया” –
बेटी की हत्या से गमगीन अंकिता की मां सोनी देवी ने सोमवार को कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है क्योंकि उन्हें अंतिम समय में अंकिता का मुंह भी नहीं देखने दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘रात को अंतिम संस्कार करने की क्या जरूरत थी। जब इतना रुक गए थे तो एक दिन और रुक जाते। सबसे बड़ा गुनाह तो उन्होंने (सरकार ने) यह किया कि मुझे अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया।’’