ANANT SINGH ARREST : Former JDU MLA arrested in RJD leader’s murder case
पटना, 2 नवंबर 2025। बिहार के मोकामा इलाके में चुनावी रंजिश से उपजी हिंसा ने राजनीतिक माहौल को हिला दिया है। 30 अक्टूबर को हुई RJD नेता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने शनिवार रात JDU के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह को उनके बेढ़ना गांव स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया।
पटना पुलिस ने बताया कि अनंत सिंह घटनास्थल पर मौजूद थे, और सबूतों व गवाहों के बयान के आधार पर उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तारी के दौरान करीब 150 जवानों की टीम मौजूद थी, जिसका नेतृत्व SSP कार्तिकेय शर्मा कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर अनंत सिंह का बयान
गिरफ्तारी से पहले अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सत्य की हमेशा जीत होती है। मोकामा की जनता पर मेरा भरोसा है, अब चुनाव की जंग वे खुद लड़ेंगे।” उस वक्त वे अपने समर्थकों के साथ प्रचार में जुटे थे।
पुलिस का दावा – झड़प में हुई हत्या
SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि 30 अक्टूबर को दो उम्मीदवारों के समर्थकों में भिड़ंत हुई थी। इस दौरान पथराव और झड़प में कई लोग घायल हुए और बाद में 76 वर्षीय दुलारचंद यादव का शव मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयानों से यह साफ है कि मामला आचार संहिता उल्लंघन और हिंसा से जुड़ा है। अनंत सिंह के साथ मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है।
विपक्ष का हमला, चुनाव आयोग पर सवाल
जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने कहा कि “गिरफ्तारी सही कदम है, लेकिन देर से हुई। FIR के बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए थी।” वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए पूछा – “एनडीए उम्मीदवारों के काफिले में बंदूकें लहराई जा रही हैं, रिश्वत बांटी जा रही है और हत्याएं हो रही हैं, क्या कानून सिर्फ विपक्ष के लिए है?”
चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई
हत्या के बाद चुनाव आयोग ने कई अफसरों को हटाया। बाढ़ के SDM चंदन कुमार, ग्रामीण SP विक्रम सिहाग, और SDPO राकेश कुमार को हटाया गया। SDPO-2 अभिषेक सिंह को सस्पेंड किया गया।
नई तैनातियां की गईं – IAS आशीष कुमार (SDM), CID अधिकारी आनंद कुमार सिंह (SDPO-1) और ATS अधिकारी आयुष श्रीवास्तव (SDPO-2) बनाए गए।
DM ने कहा कि “असामाजिक तत्वों पर कोई रहम नहीं होगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रशासन पूरी ताकत से काम करेगा।” यह गिरफ्तारी बिहार चुनावों के बीच राजनीतिक हिंसा पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
