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रायपुर।होने वाली आमसभा के पहले अग्रवाल सभा के चुनाव में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में रजिस्ट्रार फम्र्स एवं संस्थाएं ने विधिवत आम सभा बुलाने का फैसला दिया है। इस फ़ैसले से सुरेश गोयल गुट को तगड़ा झटका लगा है।
ग़ौरतलब है कि इस मामले में अग्रवाल सभा के पदाधिकारियों और सुरेश गोयल गुट के बीच चुनाव को लेकर खींचतान चल रही थी, जिसमें रजिस्ट्रार की तरफ से अग्रवाल सभा के पक्ष में बड़ा फैसला देते हुए यह कहा गया है कि नियम के तहत आम सभा बुलाकर निर्वाचन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। रजिस्ट्रार ने सुरेश गोयल गुट को एक और बड़ा झटका देते हुए रामावतार अग्रवाल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने को भी निरस्त करते हुए पूरी प्रक्रिया समाज के संविधान के तहत पूरी करने के लिए निर्देशित किया है। रजिस्ट्रार ने इस मामले में दोनों पक्षों के प्रस्तुत दलीलों के बाद ये फैसला दिया है।
गौरतलब है कि अग्रवाल सभा 50 साल से ज्यादा पुराना संगठन है। 2002 तक समाज के चुनाव मतदान के जरिए संपन्न हुए। 2003 से सभा में मतदान के बजाय मनोनयन के आधार पर अध्यक्ष का चुनाव किया जाने लगा। इस बीच समाजजन लगातार मांग उठाते रहे कि उन्हें भी सभा की सदस्यता दी जाए। आखिरकार 19 साल बाद इस वर्ष जून में सदस्यता पर लगी रोक हटाई गई। 10 जुलाई तक सभा को 2500 से ज्यादा आवेदन मिले। इसमें 11 हजार से अधिक लोगों ने समाज की सदस्यता मांगी थी। 28 जुलाई को नई सदस्यता सूची के प्रकाशन के साथ ही मतदान से चुनाव करवाने का मुद्दा भी गरमाने लगा।
चुनाव मनोनयन के आधार पर होगा या मतदान से, इस पर अंतिम फैसला 28 अगस्त को अग्रसेन धाम में आयोजित आमसभा में होना था। हालांकि, इससे पहले समाज में चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। कार्यकारिणी के गठन पर इसका असर न पड़े इसलिए सभा ने पहले ही रजिस्ट्रार दफ़्तर में कैविएट दायर किया। हालांकि, तभी एक पक्ष ने इसके खिलाफ शिकायत करते हुए मांग उठाई कि या तो चुनाव रद्द कर दिया जाए या फिर रजिस्ट्रार फम्र्स एंड सोसाइटी की देखरेख में हो। जिसपर ये फैसला दिया गया है।