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CG LIQUOR SCAM : गिरफ्तारी से पहले ही चार्जशीट, ACB की भूमिका पर उठे सवाल – क्या न्यायिक प्रक्रिया का हो रहा उल्लंघन?

CG LIQUOR SCAM : Charge sheet before arrest, questions raised on the role of ACB – is the judicial process being violated?

रायपुर, 7 जुलाई 2025। CG LIQUOR SCAM छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) एक बार फिर विवादों के घेरे में है। वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश चंद्र गुप्ता ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर जांच एजेंसी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

गुप्ता के अनुसार, ACB ने घोटाले में संलिप्त आबकारी विभाग के अधिकारियों की गिरफ्तारी से पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी है, जो न्यायिक प्रक्रिया और निष्पक्ष जांच के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

ACB पर नरेश गुप्ता के आरोप –

CG LIQUOR SCAM गुप्ता ने दावा किया है कि ACB ने कथित आरोपियों को पहले ही यह भरोसा दिला दिया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट से ज़मानत मिल जाएगी। उन्होंने कहा “For the first time in the legal history of this country, the investigating agency is playing the role of judge and jury. God save our CG.” – नरेश चंद्र गुप्ता

पूर्ववर्ती सरकार और नेताओं पर भी सवाल –

गुप्ता ने इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार के नेताओं पर हमला बोलते हुए लिखा कि घोटाले में शामिल कई बड़े नामों पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि “पूर्व सीएम, मंत्री, निगम प्रमुख, सप्लायर और अफसरों” को संरक्षण मिला हुआ है।

निष्पक्ष जांच की मांग, CBI और ED को सौंपने की वकालत –

CG LIQUOR SCAM गुप्ता ने कहा कि जांच की निष्पक्षता पर अब सवाल उठने लगे हैं, इसलिए इसकी जांच CBI और ED जैसी स्वतंत्र एजेंसियों को सौंपी जानी चाहिए।

शासन की मंशा और एजेंसी की कार्यप्रणाली में विरोधाभास? –

CG LIQUOR SCAM बता दें कि इस घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार ने PC Act की धारा 17A और 19 के तहत जांच एवं अभियोजन की स्वीकृति दी थी। इससे सरकार की मंशा स्पष्ट होती है कि दोषियों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन ACB द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी से पूर्व चार्जशीट दाखिल किया जाना सरकार की मंशा के विपरीत माना जा रहा है, और इससे जांच एजेंसी की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है।

अब देखना यह है कि क्या राज्य सरकार इस पूरे मामले में कार्रवाई करेगी, और ACB की भूमिका पर पुनः विचार किया जाएगा या नहीं।

 

 

 

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