BIG BREAKING : देशभर के बिग बाजार आधिकारिक रूप से हो सकते है रिलायंस ग्रुप का हिस्सा, शेयर होल्डर्स और क्रेडिटर्स की होने वाली है बैठक, जल्द आएगा फैसला
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नई दिल्ली। देशभर के बिग बाजार कुछ दिनों बाद आधिकारिक रूप से मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह का हिस्सा हो सकते हैं। दरअसल बिग बाजार चलाने वाली कंपनी Future Retail Ltd. (FRL) इसे लेकर अपने शेयर होल्डर्स और क्रेडिटर्स की बैठक करने जा रही है। इससे पहले कर्ज के बोझ से दबी FRL ने शेयरधारकों की ई-वोटिंग प्रोसेस मंगलवार को पूरी कर ली।
2020 में हुई थी 24,713 करोड़ की डील
कंपनी ने अपने कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने के लिए अगस्त 2020 में 24,713 करोड़ रुपये की एक डील की थी। हालांकि इस डील पर एमेजॉन की ओर से कानूनी पेंच फंसा दिया गया, लेकिन हाल में रिलायंस ने कंपनी के अलग-अलग स्टोर्स का टेकओवर करना शुरू कर दिया।
ऐसे में एमेजॉन के विरोध और कंपनी के ऋणदाताओं की ओर से दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका देने के बावजूद कंपनी ने इस सौदे को अमलीजामा पहनाने के लिए शेयर होल्डर्स की रजामंदी मांगी है।
आज और कल में हो जाएगा फैसला
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की मुंबई बेंच के 28 फरवरी 2022 के आदेशानुसार FRL ने रिलायंस को अपना कारोबार बेचने के लिए इक्विटी शेयर होल्डर्स की मंजूरी के लिए 20 अप्रैल, जबकि सिक्योर्ड क्रेडिटर्स और अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स की रजामंदी लेने के 21 अप्रैल को बैठक बुलाई है। वहीं शेयर होल्डर्स की ई-वोटिंग प्रोसेस शनिवार को स्टार्ट हुई थी जो मंगलवार शाम 5 बजे बंद हो गई।
एमेजॉन बैठक को बता चुकी है ‘अवैध’
रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल की 24,713 करोड़ रुपये की डील का विरोध कर रही Amazon ने इन बैठकों को गैर-कानूनी करार दिया है।
Amazon ने किशोर बियानी और अन्य प्रमोटर्स को भेजे गए 16-पेज के एक पत्र में कहा है कि इस तरह की बैठकें गैर-कानूनी हैं। कंपनी ने कहा है कि इन मीटिंग्स का आयोजन Amazon द्वारा 2019 में किए गए निवेश की शर्तों और रिलायंस को रिटेल एसेट्स की बिक्री को लेकर सिंगापुर आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले का उल्लंघन है।