बड़ा फैसला : 38 दोषियों को फांसी की सजा..11 दोषियों को उम्र कैद..अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में कोर्ट का फैसला..देखिए गुनाहगारों की तस्वीरें

बिगुल
साल 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों शामिल दोषियों को सजा सुना दी गई है. विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है. बाकी 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली है.
गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008 को गुजरात के अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. एक के बाद एक धमाकों में कुल 56 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना से गुजरात समेत पूरा देश हिल गया था. उस समय गुजरात के तात्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और तात्कालिक गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस विभाग को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया.
फैसले के बाद पुलिस घटना की जांच में जुट गई. रातों रात तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों को क्राइम ब्रांच में शामिल कर तफ्तीश की जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस विभाग के आला अधिकारी लीड की तलाश में अपने सूत्रों और मुखबिरों को एक्टिव कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुट गए.
अहमदाबाद बम ब्लास्ट की जांच कर रहे अधिकारियों ने कई लीड पर काम किया लेकिन अभी तक वो कुछ भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए थे. इसी बीच जांच टीम में शामिल डीसीपी अभय चुडासमा को एक लीड मिली. किसी तरह उन्हें खबर मिली की भरुच में धमाकों में इस्तेमाल की गई कार देखी गई है. इसके बाद टीम रातों रात भरूच पहुंच गई. जांच के दौरान उस घर का पता चला जहां बम बनाया गया था. यहीं पुलिस के लिए पहली और कारगर लीड साबित हुई.
अहमदाबाद में बम ब्लास्ट के बाद पुलिस ने मकान मालिक से पूछताछ की तो एक फोन नंबर मिला इसके बाद कड़ी दर कड़ी सारे राज खुलते चले गए. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने साढ़े सौ पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की टीम बनाई. पूरी टीम ने सैकड़ों छापेमारी की. अपराधियों को पकड़ा पूछताछ की. इसका नतीजा निकला की घटना के महज 19 दिन बार विस्फोट से जुड़े 30 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय सभी आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से ताल्लुक रखते थे.
गौरतलब है कि, 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद विस्फोट में एक घंटे के भीतर 21 जोरदार बम धमाके हुए थे. इन धमाकों के बाद हर तरफ खून से सने शरीर और चीख पुकार ही बाकी रह गई थी. पुलिस ने ब्लास्ट केस में 20 एफआईआर दर्ज किए थे. वहीं, इसके अलावा सूरत में भी 15 एफआईआर दर्ज किए गए थे. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में 13 साल आरोपियों पर मुकदमा चला.
सरकारी अधिवक्ता अमित पटेल ने बताया कि स्पेशल जज एआर पटेल ने 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 11 शेष दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि हमने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कुल 77 लोग आरोपी थे, जिनमें से 28 को अदालत ने बरी कर दिया था और बाकी 49 लोगों को दोषी करार दिया था। 14 सालों तक चले मामले के बाद यह सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट से की थी। हालांकि अदालत ने 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अहमदाबाद विस्फोट मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे।