Trending Nowशहर एवं राज्य

तिरछी नजर : मनिन्दर कौर की शानदार वापसी के मायने 

 

रायपुर। आई.ए.एस अधिकारी मनिन्दर कौर के शानदार वापसी के कई मायने तलाशे जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि टी.एस.बाबा को पहली बार विभाग चलाने फ्री- हेंड दे दिया गया है। निवृत्तमान स्वास्थ्य सचिव डा. आलोक शुक्ला को काबिल अफसर माना जाता है लेकिन विभाग में चलने वाले रोज-रोज के चिकचिक से वो भी परेशान हो गये थे। मनिन्दर को जिस तरह साईड लाईन किया गया उसके बावजूद भी बिना विचलित हुए ग्रामोद्योग विभाग में निचले स्तर पर जाकर काम कर रही थी, उससे भी अधिकारियों का एक बड़ा वर्ग समर्थन में खड़ा था।

बृजमोहन की तरह तेज बल्लेबाज कौन?

भूपेश मंत्रिमंडल के कई मत्रियों की डॉ.रमन सरकार के मंत्रियों से कई प्रकार के काम करने के तरीके से तुलना होने लगी है। यह तुलना कोई और नहीं मंत्री खुद करने लगे हैं। पिछले दिनों एक भरी बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने अपने मंत्रिमंडल के एक सदस्य के ऊपर आप्रत्यक्ष तरीके से हमला करते हुये कह दिया कि फलां मंत्री का (नाम लेते हुये )तो भाजपा सरकार के दबंग मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की तरह तेजी से बल्लेबाजी कर रहे हैं। मंत्री के इस तरह अपने सहयोगी के ऊपर खुलेआम टिप्पणी से अधिकारियों में थोड़ा देर के लिये सन्नाटा छा गया। एक दूसरे की तरफ देखते हुये इसके कारण तलाशने लगे।

फूड में तबादला का खेल 

खाद्यमंत्री अमरजीत सिंह भगत के रोज नये-नये दिशा निर्देश और नोट-शीट से अधिकारी व कर्मचारी भारी परेशान है। जितनी तेजी से तबादला करने की नोट शीट चलती है उतनी ही तेजी से आदेश भी निकल जाते हैं और इसी के साथ तबादला निरस्त करने का भी खेल शुरू हो जाता है। खाद्य विभाग में इस तरह के आदेश समन्वय से होकर निकलते हैं मुख्यमंत्री सचिवालय से जितनी तेजी से फाईल क्लियर हो रहे हैं उससे अमरजीत सिंह की राजनीतिक पकड़ का भी एहसास लोगों को हो रहा है। बिलासपुर में 12 फुड इसंपेक्टर के पद रिक्त हैं 18 की नियुक्ति हो गयी है और कई दावेदारों की सिफारिश चल रही है। नांदगांव में एक निजी बेरियर चल रहा था जिसे विवाद के बाद बंद कर दिया गया। यहां के एक फुड इसंपेक्टर को भाटापारा भेजा गया तीसरे दिन वापस नांदगांव भेज दिया गया।

मंत्री-कलेक्टर में बोलचाल बंद

सरकार के एक मंत्री का अपने गृह जिले में बिलकुल भी नहीं चल रही है l कलेक्टर के साथ बोलचाल तक बंद हो गई है l डीएमएफ के सारे कार्य को लेकर फैसला कलेक्टर अपने स्तर कर कर रही है l मंत्रीजी मनमनोस कर रह जा रहे है l स्वाभाविक है कि बोलचाल बंद होगी, तो मंत्रीजी को नुकसान होगा l वो चाहकर भी कोई सिफारिश नहीं कर पा रहे हैं l

डीएफओ का मैनेजमेंट

बिलासपुर संभाग के एक जिले में सत्ताधारी दल के विधायक और डीएफओ के बीच गजब का तालमेल देखने को मिला है l विधायक ने कुछ समय पहले डीएफओ का कालाचिट्ठा सरकार को भेज दिया था l शिकायतें इतनी पुख्ता थी कि जांच होने पर डीएफओ का फंसना तय था l लेकिन डीएफओ ने ऐसा चक्कर चलाया कि कुछ दिन बाद विधायक ने डीएफओ के खिलाफ शिकायत को वापस ले लिया l अब विधायक महोदय डीएफओ की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं l विधायक बदले तेवर की राजनीतिक हल्कों में जमकर चर्चा है l

advt_01dec2024
carshringar
Advt_160oct2024
Share This: