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कांठ बवाल केस: पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह व बीजेपी MLA रितेश गुप्ता समेत 70 भाजपाई दोषमुक्त

मुरादाबाद : सात साल पहले 2014 में मुरादाबाद के बहुचर्चित कांठ बवाल कांड (Kanth Violence Case) में मंगलवार को फैसला सुना दिया. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (MP MLA Special Court) ने साक्ष्यों के आभाव में योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह (Chaudhary Bhupendra Singh) और बीजेपी नगर विधायक रितेश गुप्ता (BJP MLA Ritesh Gupta) समेत 70 आरोपियों को बरी कर दिया. गौरतलब है कि कि जून 2014 में कांठ थाना क्षेत्र के अकबरपुर चेंदरी में एक मंदिर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दो समुदायों में बवाल हो गया था. उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों की सहमति से मंदिर से लाउडस्पीकर हटवा दिया था.

पुलिस के इस फैसले के विरोध में में 4 जुलाई 2014 को बीजेपी की तरफ से कांठ में महापंचायत बुलाई गई थी. लेकिन महापंचायत को रोकने के लिए पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई थी. जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था. इस घटना में तत्कालीन डीएम चंद्रकांत घायल हुए थे. कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह व शहर विधायक रितेश गुप्ता भी इसमे आरोपी थे, जिन्हे कोर्ट ने बरी कर दिया है.

मामले में तीन अलग-अलग केस दर्ज हुए थे
इस मामले में तीन अलग-अलग केस दर्ज हुए थे. बीजेपी नेताओं पर आरोप लगा था कि उन्होंने जनता को उकसा कर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की. जिसके बाद भूपेंद्र चौधरी, रितेश गुप्ता समेत 70 बीजेपी कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया था. साथ ही बवाल में रेलवे को काफी नुकसान की बात कही गई थी. करीब सात साल तक चले मुक़दमे में अभियोजन पक्ष कोर्ट में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया. जिसके बाद साक्ष्यों के आभाव में मंत्री, विधायक समेत सभी 70 आरोपियों को बरी कर दिया.

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