बोरिया में प्लांट स्थापना के विरोध में किसान हुए लामबंद, जनसुनवाई के विरोध में संयुक्त कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
- किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंप दर्ज कराया विरोध
- राज्य सरकार पर बेमेतरा जिला में कृषि कार्य को बर्बाद करने के लगाया आरोप
संजय महिलांग/बेमेतरा : विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोरिया में प्रदूषण युक्त प्लांट स्थापना के लिए 10 जनवरी को बुलाई गई जनसुनवाई के विरोध में किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने सयुंक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा । इस दौरान किसान नेता ने संयुक्त कलेक्टर अनिल बाजपाई को बताया कि बेरला ब्लाक के ग्राम बोरिया में स्टील प्लांट स्थापना के लिए 10 जनवरी को गांव के स्कूल में जनसुनवाई बुलाई गई है । बेमेतरा जिला कृषि प्रधान है, इसलिए बेरला बेल्ट में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना की जाए । जिसकी घोषणा प्रदेश सरकार ने की थी । लेकिन प्रदेश सरकार अपनी घोषणा के विपरीत जाकर प्रदूषण युक्त प्लांट के स्थापना की तैयारी कर रही रही है । इस दौरान अजय मिश्रा, नंदू गुप्ता, गिरीश गबेल, मनोज शर्मा, नंदू राठी, हरीश लहरें, मनोज यादव, राहुल सिंह ठाकुर, वेद प्रकाश जांगड़े, अघनु साहू, देवचरण मांडले, दिवांशु शर्मा, वीरेंद्र यदु आदि उपस्थित थे ।
कोरोना के प्रकोप के दौरान जनसुनवाई बुलाया जाना घोर आपत्तिजनक
किसान नेता ने बताया कि कोरोना फिर तेजी से फैल रहा है । जिसके कारण राज्य सरकार द्वारा भीड़ इकट्ठा ना होने को लेकर तरह-तरह की बंदिश लगाई जा रही है । सरकार की ओर से कोरोना रोकथाम के लिए नाईट कर्फ़्यू, धारा 144 लगाने के साथ कई अन्य बंदिशें लगा रही है । सरकार की ओर से जारी निर्देशो का स्थानीय प्रशासन अवहेलना करते दिख रहा है । जिसमे अधिकारी निर्देशो की अवहेलना करते हुए, 10 जनवरी को बोरिया में प्लांट स्थापना के लिए जनसुनवाई बुलाया जाना, घोर आपत्तिजनक है । इसलिए जन भावना व कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर इस जनसुनवाई को स्थगित करने ज्ञापन सौपा गया है ।
प्रदूषण वाले प्लांट की स्थापना को लेकर शासन पशासन ने झोंकी ताकत
किसान नेता के अनुसार सरदा में प्लांट का विरोध होने के बावजूद जिला प्रशासन ने अप्रूवल देकर प्रकरण को आगे बढ़ा दिया । कृषि आधारित उद्योगों को तवज्जो देने की बजाए प्रदूषण युक्त प्लांट स्थापना को लेकर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है । इसलिए प्रशासन द्वारा नेवनारा, सरदा और बोरिया समेत अन्य गांव में जन सुनवाई के लिए तारीख तय की गई है । सरदा में 27 दिसंबर, बोरिया में 10 जनवरी और नेवनारा में जनसुनवाई बुलाई गई । राज्य सरकार कृषि आधारित बेमेतरा जिले में कृषि को बर्बाद करने पर तुली हुई है । सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना का वादा किया था लेकिन प्रदूषण वाले प्लांट स्थापना के लिए शासन प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है । किसान नेता के अनुसार सिलतरा, उरला नही बनने देंगे ।
पंचायत से एनओसी नहीं दिए जाने के बावजूद नेवनारा में बुलाई जनसुनवाई
किसान नेता ने बताया कि ग्राम पंचायत न्यू नारा के द्वारा गांव में उद्योग की स्थापना के लिए एनओसी नहीं दिए जाने के बावजूद प्रशासन की ओर से जन सुनवाई बुलाई गई है जो दुर्भाग्यपूर्ण है इसके अलावा कलेक्टर कार्यालय में उद्योगपति की बैठक बुलाई गई थी जिसमें बेमेतरा विधानसभा उद्योग स्थापना की गई जन विरोध को मैनेज करने पर चर्चा हुई ।