
रायपुर। पिछले दिनो राजधानी में आयोजित धर्म संसद के आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी एकाएक चर्चा में आए इसलिए कि इसमें बुलाए गए कालीचरण संत ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दे दिया और पूरे आयोजन पर ही सवालिया निशान लग गया.यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर भी गरमा गया। कालीचरण की गिरफ्तारी भी हो गई। इस बीचआयोजक ने अपनी स्थिति तत्काल स्पष्ट करते हुए पुलिस की कार्रवाई को जायज ठहराया और हर प्रकार से सहयोग का आश्वासन दिया,उन्होने कालीचरण के बयान की कड़ी निंदा की। यह भी कहा कि गैर राजनीतिक और केवल धर्म आधारित विषय पर ही चर्चा होगी पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था। चूंकि राकांपा(एनसीपी)से जुड़े हुए थे त्रिपाठी इसलिए राजनीतिक आरोप भी लगने थे,आखिर में उन्होने पार्टी से अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को भेज दिया है। वे यूथ विंग में राष्ट्रीय सचिव थे।
नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा है कि मेरा जन्म पुरोहित परिवार में हुआ है। हिंदू धर्म के प्रचार- प्रसार के मकसद से मैंने धर्म संसद का आयोजन नीलकंठ सेवा संस्थान के बैनर तले करवाया था। धर्म संसद को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। इसलिए मैंने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में संवैधानिक रूप से कार्रवाई करें। इसके लिए आयोजन संस्था भी उन्हें अपना पूरा सहयोग कर रही है।