राजधानी में मितानिनों ने भरी हुंकार, शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग, प्रदेश भर से आईं मितानिनों ने की जमकर नारेबाजी, कहा- तीन साल बाद भी मासिक वेतन पांच हजार नहीं हुआ

रायपुर। छत्तीसगढ़ मितानिन संघ ने अपनी मांग को लेकर राजधानी में एक बार फिर से हुंकार भरी है। बड़ी संख्या में कई जिलों से पहुंची मितानिनों ने शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। इधर बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शन होने के कारण एक बार फिर जाम-सी स्थिति निर्मित हो गई।
धरना स्थल के पास चारों तरफ गाड़ियों की पार्किंग होने के कारण सड़क पर घंटों जाम लगता है। इससे आने-जाने वाले लोग परेशान होते हैं। दूसरी ओर पुलिस ने भीड़ को देखते हुए माधव राव सप्रे शाला के पास बेरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। ऐसे में कालीबाड़ी, सिविल लाइन, टिकरापारा, मारवाड़ी मुक्तिधाम सड़क पर ट्रैफिक का ज्यादा दबाव पड़ गया। यहां हर मिनट पर जाम की स्थिति रही। मालूम हो कि तीन से अधिक संगठन अभी बूढ़ापारा धरना स्थल पर 20 से अधिक दिनों से आंदोलनरत हंै। धरना स्थल पर अभी मेले जैसे माहौल है। जहां सड़कों के किनारे दुकानें सजी हुई है।
मासिक वेतन देने की मांग
मितानित संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने प्रत्येक मितानिन को पांच-पांच हजार रुपये वादा किया था। आज सरकार के तीन साल होने के बाद भी सरकार ने कोई फैसला नहीं ले सकी है। इसके अलावा शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग जनघोषणा पत्र में शामिल किया है।
ये भी वादा अभी अधूरा है। संघ का कहना है कि अभी मात्र प्रोत्साहन राशि मिल रही है, जो राशि मिल रही है, वह बहुत कम है। ऐसे में प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने की आवश्यकता है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में होने वाले प्रसव, नसबंदी, मोतियाबंद आपरेशन सहित अन्य कार्य का राशि भी मितानिनों को मिलनी चाहिए।