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मां-बाप ने मारने के लिए मासूम को मिट्टी में दबाया, नवजात ने 20 दिन में जीत ली जिंदगी की जंग

अशोकनगर : मध्यप्रदेश में एक नवजात की जिजीविषा का अनूठा उदाहरण सामने आया है. मां—बाप ने उसे जन्म लेने के तुरंत बाद ही मरने के लिए मिट्टी में दबा दिया था पर होनी को तो कुछ और ही मंजूर था. नवजात ने मौत को हरा दिया, 20 दिन में जिंदगी की जंग जीत ली. इस दौरान वह लगातार मौत से लड़ाई लड़ता रहा. 20 दिन जिंदगी की जंग लड़ा और मौत को हराकर भोपाल से स्वस्थ होकर वापस लौटा पृथ्वीराज- जन्म के बाद ही माता-पिता द्वारा कड़ाके की सर्दी के बीच मिट्टी में दबाया गया नवजात शिशु भोपाल में 20 दिन जिंदगी की जंग लड़ा और मौत को हराकर वापस लौट आया है। इस नवजात की जिजीविषा से प्रेरणा लेकर शिशु दीक्षा गृह ने नामकरण करते हुए उसे पृथ्वीराज नाम दिया है। जानकारी के अनुसार 10 दिन वह एसएनसीयू में डाक्टर्स के ऑब्जर्वेशन में ही रहेगा। यह कहानी है तीन दिसंबर को मुंगावली के झागरचक्क में मिट्टी में दबे मिले नवजात शिशु की। उसे जन्म के तुरंत बाद ही माता-पिता ने तो त्यागकर मरने के लिए छोड़ दिया था, पर जागरूक लोगों ने मिट्टी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। सर्दी के बीच मिट्टी में कई घंटे दबे रहने से निमोनिया व उसके फेफड़ों में इन्फेक्शन व हाइपोथर्मिया हो गया था, साथ ही पैरों में चींटी व कीड़ों ने काट लिया था। डॉक्टरों ने बताया कि नवजात पृथ्वीराज को अभी 10 दिन तक हम अपने ऑब्जर्वेशन में रखेंगे- हालत गंभीर होने से वह भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती रहा। डाक्टर्स ने उसे 20 दिन तक यहां रखकर उसकी जिंदगी बचाने के हर संभव प्रयास किए. ऐसे में वह जिंदगी की जंग जीत गया और अब स्वस्थ होकर जिला अस्पताल में वापस लौट आया है। इधर शिशु दीक्षा गृह ने उसका नामकरण भी कर दिया है। डॉक्टरों ने बताया कि नवजात पृथ्वीराज को अभी 10 दिन तक हम अपने ऑब्जर्वेशन में रखेंगे।

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