देश के लिए हंसते-हंसते कुर्बान हो गए थे संतोष बाबू, राष्ट्रपति ने किया उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित
नई दिल्ली। लद्दाख सेक्टर की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हुए संघर्ष में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया है। उनके अलावा वीरता का ये पुरस्कार झड़प में वीरगति को प्राप्त कर चुके चार अन्य सैनिकों को भी दिया गया। देश के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संतोष बाबू की मां और पत्नी को महावीर चक्र पुरस्कार सौंपा। वहीं इससे एक दिन पहले आयोजित हुए अलंकरण समारोह में विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन सहित अन्य वीर जवानों को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया था।
गौरतलब है कि गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड के दौरान चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प हुई थी। जहां कर्नल संतोष बाबू समेत पांच जवान शहीद हो गए थे। इन सभी जवानों को आज मरणोपरांत भारत के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गलवान घाटी में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिको को उनके अदम्य साहस और बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र दिए जाने की घोषणा की गई थी। यह पुरस्कार देश का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।उस समय सेना से संबंधित सूत्रों ने यह भी बताया था कि उस रात जब चीनी सेना निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, पीछे नहीं हटी तो कर्नल बाबू स्वयं उनसे बात करने गए थे। इसी दौरान चीनी सैनिकों द्वारा उनके साथ हाथापाई की गई, जिसके बाद भारतीय जवानों ने भी जवाब दिया था। इससे दोनों तरफ से झड़प शुरू हो गई थी। पत्थर और लाठी-डंडे चले थे। दोनों पक्षों में कई लोग जख्मी भी हो गए थे।