यूरिया और खाद की किल्लत से परेशान किसानों ने किया नेशनल हाइवे जाम, राज्य सरकार पर निकाली जमकर भड़ास

कवर्धा : खेती किसानी के दिन में प्रदेश में यूरिया सहित अन्य खादों की किल्लत से परेशान किसानों ने सोमवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले रायपुर-जबलपुर नेशनल हाइवे-30 ग्राम जोराताल पर चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। हालांकि इस दौरान वाहनों के जाम की स्थिति नहीं बनी, क्योंकि पुलिस ने वाहनों के लिए आवागमन का रूट का बदल दियाथा। वहीं कई किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक दिया, था एकाएक प्रदर्शन स्थल के सामने जाम की स्थिति निर्मित न हो। किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। शासन और प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल पा रहा है। विडंबना है कि खेती किसानी के सीजन में भी किसानों को काम छोड़कर कड़ी धूप में अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
खाद की समस्या पहली बार
किसानों की हित वाली सरकार में भी पहली बार खाद की समस्या हो रही है। जबकि अभी मुख्य रूप से धान की फसल की रोपाई के बाद यूरिया का छिड़काव बेहद आवश्यक है। इसे लेकर ही इस दौरान बड़ी संख्या में चारों ब्लॉक के किसान एकत्रित हुए और बीच सड़क पर बैठ गए। भरी दोपहर करीब ढ़ाई से शाम 5 बजे तक किसानों का प्रदर्शन चला। इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार और उनके अधिकारियों को जमकर कोसा। शाम होते-होते संबंधित विभाग के अधिकारी और उनके प्रतिनिधि पहुंचे। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों सवाल जवाब किए। इस पर मुख्य रूप से अधिकारी केवल आश्वासन देते नजर आए। इस पर किसानों ने जिला प्रशासन को समस्याओं के समाधान के लिए 20 दिन का समय दिया। यदि इस दौरान भी समस्याओं का समाधान नहीं होता तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे।
तीन वर्ष पूर्व सुतियापाट जलाशय के नहर नाली विस्तार के लिए 16.50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई। यह राशि आज भी विभाग के पास है, लेकिन नहर का विस्तार नहीं हो सका है। पिछले दो साल से किसान इसके लिए संघर्षरत हैं। बाजवूद अब तक विस्तार नहीं किया जा सका है, जबकि नहर नाली का विस्तार कार्य पूर्ण होने से 26 गावों के हजारों किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। हाइवे पर प्रदर्शन के दौरान अधिकारी ने किसानों को बताया कि 16.50 करोड़ रुपए की राशि उनके पास मौजूद है, लेकिन नहर नाली विस्तार का बजट 30 करोड़ रुपए हो चुका है। क्योंकि भू-उपार्जन का दर चार गुना हो चुका है। इसके चलते बजट भी बढ़ चुका है। इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है।
खाद कमी का कारण
प्रदर्शन के दौरान इनकी मांग पर अधिकारी के प्रतिनिधि पहुंचे उन्होंने खाद की कमी को लेकर कहा कि जिले में खाद रखने के लिए रैक की कमी है। इस पर किसानों ने नाराजगी जाहिर की, कि रैक तो वर्षों से नहीं है जबकि खाद की समस्या तो इसी वर्ष हो रही है। किसानों ने कहा कि खाद की सहकारी समितियों में कमी है मुख्य रूप से यूरिया की, लेकिन निजी दुकानों में पर्याप्त मात्रा में है। उन्होंने खाद की कालाबाजारी होने की आशंका जाहिर की।
किसानों की मांग
जिले में यूरिया सहित अन्य खादों की आपूर्ति किसानों की वर्तमान मांग को देखते हुए शीघ्र ही जिले के समस्त 90 समितियों में किया जाए। साथ ही निजी दुकानों में शासकीय मूल्य पर खाद की बिक्री सुनिश्चित किया जाए। गन्ना किसानों को गन्ना बोनस की राशि और अतिरिक्त शुगर रिकव्हरी की राशि शीघ्र दिया जाए। जिला सहकारी बैंक की एक शाखा ग्राम रवेली में शीघ्र खोला जाए। शक्कर कारखाना के शेयरधारी किसानों को 50 किलो शक्कर पूर्व की तरह रियायती दरों पर दिया जाए।