रायपुर : छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया वाट्स एप पर यह संदेश लगातार वायरल हो रहा है… बच्चे हैं, दो साल के, तीन साल के, अगर कोई इन्हें गोद लेना चाहता है, तो इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। यह संदेश सामने आने के बाद बच्चों को वैधानिक तरीके से दत्तक ग्रहण कराने के लिए जिम्मेदार विभाग जागा है। दरअसल कोरोनाकाल में मां-बाप की मौत हो जाने के बाद अनाथ बच्चों को अवैध तरीके से गोद देने के लिए असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं। इसे देखते हुए सरकार ने चेतावनी जारी की है कि अगर कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से किसी बच्चे को गोद लेता है तो उसे एक लाख रुपए जुर्माना और तीन साल की कैद हो सकती है। ऐसे ले सकते हैं गोद अधिनियम में निहित प्रावधान के अनुसार एवं दत्तक ग्रहण विनियम 2017 के तहत केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय की वेबसाइट सीएआरए डॉट एनआईसी डॉट इन पर लॉगइन कर केयरिंग्स में निशुल्क ऑनलाइन पंजीयन कराकर प्रक्रिया पूर्ण होने पश्चात बालक दत्तक ग्रहण में लिए जा सकते हैं। रायपुर जिले में दत्तक ग्रहण के सहयोग के लिए नवनीत कुमार स्वर्णकार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, सुभाष स्टेडियम रायपुर मो. नं.-9406442554 पर संपर्क कर सकते हैं।
ये है मामला
कोरोना संकटकाल आने के बाद पहली लहर से लेकर दूसरी लहर के बीच कई ऐसे परिवार हैं, जहां माता-पिता या अभिभावक की मौत हो चुकी है। इनके छोटे-छोटे मासूम बच्चों पर ऐसे लोगों की नजर है, जो इन्हें बेचना चाहते हैं। इस गंभीर व विषम परिस्थिति का फायदा उठाने के लिए सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि दो, तीन साल के बच्चे हैं, इन्हें कोई भी गोद ले सकता है।
महिला बाल विकास विभाग हुआ सक्रिय
बताया गया है कि सोशल मीडिया वाट्स एप पर इसी तरह का एक संदेश जारी होने के बाद वह महिला एवं बाल विकास विभाग की नजर में आया। विभाग ने अनाथ हो चुके बच्चों को गोद देने का अवैध काम करने वालों से बचाने तथा गोद लेने के इच्छुक लोगों को सचेत करने के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान में नोवेल कोरोना-19 वायरस के संक्रमण, कुछ असामाजिक एवं स्वार्थी तत्वों द्वारा इस गंभीर एवं विषम परिस्थिति का फायदा उठाते हुए अनाथ, परित्यक्त, जिनके माता-पिता,अभिभावक तथा पालक की मृत्यु हो जाने पर दत्तक ग्रहण के लिए सोशल मीडिया में विभिन्न प्रकार के भ्रमित करने वाले संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं, जो कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 80 के प्रतिकूल है।