
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है कि वो आतंकवाद का समर्थन बंद कर दे नहीं तो अपनी भौगोलिक उपस्थिति गंवा देगा। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि अगर पाकिस्तान को नक्शे पर अपनी जगह बनाए रखनी है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद बंद करना होगा।
राजस्थान के अनूपगढ़ में बोलते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा, “एक देश के रूप में भारत पूरी तरह से तैयार है। इस बार हम ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं रखेंगे। इस बार हम कुछ ऐसा करेंगे कि पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि वो भूगोल में रहना चाहता है या नहीं। अगर पाकिस्तान भूगोल में रहना चाहता है, तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद रोकना होगा।”
‘जवानों तैयार रहना है, तैयारी पूरी है’
उन्होंने जवानों से तैयार रहने को भी कहा। सेना प्रमुख ने कहा, “अगर ईश्वर ने चाहा तो आपको जल्द ही मौका मिलेगा। शुभकामनाएं।” जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों की मौजूदगी के सबूत दिए थे। उन्होंने कहा कि अगर भारत ये सबूत उजागर न करता, तो पाकिस्तान ये सब छिपा लेता।
सेना प्रमुख ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो पूरी दुनिया उसके साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर नौ ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें से सात थलसेना ने और दो वायुसेना ने।
‘सीमा पर रहने वाले नागरिक आम नागरिक नहीं, सैनिक हैं’
अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों से अपनी अपील के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, “हम सीमा पर रहने वाले लोगों को आम नागरिक नहीं, बल्कि सैनिक मानते हैं। इसका मतलब है कि वे लड़ाई में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाला संघर्ष राष्ट्र का संघर्ष है, केवल सेना का नहीं।”
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने दिया था पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब
जनरल द्विवेदी की यह चेतावनी एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की उस टिप्पणी के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका निर्मित एफ-16 और चीनी जेएफ-17 सहित चार से पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद करारा जवाब देने के लिए भारत की ओर से बड़ा सैन्य अभियान चलाया गया। 7 मई की सुबह-सुबह सैन्य अभियान के तहत भारतीय सेना ने लंबी दूरी के सटीक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया।