
US GOVERNMENT SHUTDOWN : US government work comes to a standstill!
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर 2025। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में एक बार फिर सरकारी शटडाउन हो गया है। यह 2018 के बाद पहला मौका है जब अमेरिका की सरकार बंद हुई है। अमेरिकी इतिहास में यह 22वां शटडाउन है। पिछली बार यह 22 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 तक 35 दिनों तक चला था, जिससे अर्थव्यवस्था को लगभग 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
इस बार भी कांग्रेस से फंडिंग बिल पास न होने की वजह से अमेरिकी फेडरल गवर्नमेंट का कामकाज ठप हो गया है।
क्या है शटडाउन का असर?
20 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी सैलरी से वंचित, जबरन छुट्टी पर भेजे जाएंगे।
कई संघीय एजेंसियां और संस्थान अस्थायी रूप से बंद।
एयरपोर्ट पर भीड़ और उड़ानों पर असर की चेतावनी।
लेबर डिपार्टमेंट अपनी बेरोजगारी रिपोर्ट जारी नहीं करेगा।
सरकारी विभागों में जॉब ओपनिंग में 87% की गिरावट – 10,000 से घटकर 1,300।
कौन-कौन सी सेवाएं चलती रहेंगी?
सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर, मेडिकेड जैसे हेल्थ प्रोग्राम चलते रहेंगे।
अमेरिकी डाक सेवाएं (US Postal Service) अप्रभावित रहेंगी।
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (13,000 से अधिक) ड्यूटी पर बने रहेंगे, लेकिन बिना वेतन।
सैन्यकर्मी और नेशनल गार्ड अपनी सेवाएं जारी रखेंगे, उन्हें भी वेतन नहीं मिलेगा।
FBI, DEA, कोस्ट गार्ड, बॉर्डर पैट्रोल जैसी सुरक्षा एजेंसियां काम करती रहेंगी।
क्यों हुआ शटडाउन?
अमेरिकी सरकार हर साल अपने खर्चों के लिए फंडिंग बिल पास करती है। यह बिल 1 अक्टूबर से पहले पारित होना चाहिए ताकि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सरकारी खर्चों की मंजूरी मिल सके। लेकिन इस बार रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स सहमति नहीं बना पाए।
नतीजतन, अस्थायी खर्च विधेयक (Temporary Funding Bill) 30 सितंबर को खत्म हो गया और 1 अक्टूबर से शटडाउन लागू हो गया।
क्या होगा असर?
महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा (GDP, रोजगार रिपोर्ट) का प्रकाशन रोक दिया जाएगा।
छोटे व्यवसायों को नए लोन और अपग्रेड फंडिंग नहीं मिल पाएगी।
एयरलाइन कंपनियों ने चेतावनी दी है कि फ्लाइट्स में देरी और कैंसिलेशन बढ़ सकते हैं।
न्यायपालिका के पास भी जल्द ही काम करने के लिए पैसे खत्म हो सकते हैं।
वैश्विक असर
अमेरिका की अर्थव्यवस्था में रुकावट का असर पूरी दुनिया की मार्केट और फाइनेंशियल सिस्टम पर पड़ेगा। डॉलर की मजबूती, निवेश प्रवाह और वैश्विक व्यापार पर इस संकट के सीधे असर की आशंका है।