
नई दिल्ली। राजग सांसदों का आठ सदस्यीय पैनल 27 सितंबर को करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में हुई भगदड़ के कारणों की जांच के लिए करूर पहुंच गया है। टीम ने मंगलवार को रैली स्थल का दौरा किया और चयनित स्थल पर सवाल उठाए।
पैनल की प्रमुख और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा रैली के लिए संकीर्ण स्थल आवंटित करना अनुचित था। राजनीतिक रैलियों का आयोजन उचित तरीके से और पूरी सुरक्षा के साथ किया जाना चाहिए। इस त्रासदी में अब तक कुल 41 लोगों की जान गई है।हेमा मालिनी ने कहा कि प्रशासन को इस रैली के आयोजन का ध्यान रखना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं किया।
भगदड़ स्थल पर जाकर उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद था कि लोग खुले नालों में गिर गए और मारे गए। उन्होंने कहा- ”ऐसी घटना सुनने में नहीं आई है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है?” बच्चों- महिलाओं सहित हुई इन मौतों का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, ”जिम्मेदारी किसकी है? प्रशासन की या आयोजकों की?”
पैनल के सदस्य और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि टीम अधिकारियों और आयोजकों से सवाल पूछेगी। उन्होंने कहा कि आम लोगों की जान गई है। एक प्रश्नावली तैयार की गई है, जिसे अधिकारियों से पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए हमें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि रैली के दौरान बिजली चली गई थी। कुछ तो गड़बड़ है। उधर, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में करूर में भगदड़ पीडि़तों के परिवारों से मुलाकात की। वेणुगोपाल ने कहा, ”करूर में हुई त्रासदी कल्पना से परे है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, वे असहनीय दुख में हैं।”
उन्होंने कहा कि दौरे के पीछे पीडि़तों को यह संदेश देना है कि आप अकेले नहीं हैं। पूरा देश इस कठिन समय में आपके साथ है।” इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की ओर से पीडि़तों के परिवारों को ढाई-ढाई लाख रुपये के तत्काल राहत चेक वितरित किए। इस बीच, अन्नाद्रमुक के महासचिव पलानीस्वामी ने द्रमुक सरकार पर भगदड़ के दौरान लोगों की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहने, इस विफलता को छिपाने और दूसरों पर दोष डालने का आरोप लगाया।
सत्तारूढ़ द्रमुक के सांसद ए राजा ने टीवीके के इन आरोपों को एकदम बकवास करार दिया कि भगदड़ के लिए द्रमुक जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा स्थापित एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कीजिए। इस बीच द्रमुक सरकार ने रैली स्थल के कुछ वीडियो भी साझा किए और बताया कि कैसे टीवीके कार्यकर्ता छतों पर चढ़े हुए थे और कैसे विजय ने अधिकारियों की चेतावनी को नजरअंदाज किया।
लोकप्रिय यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड गिरफ्तार
तमिलनाडु पुलिस ने करूर भगदड़ मामले में इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक टिप्पणी करने पर मंगलवार को लोकप्रिय यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि उनका हालिया वीडियो अशांति भड़काने का कारण बन सकता है। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि भगदड़ मामले में गिरफ्तार टीवीके के दो पदाधिकारियों करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी मथियालगन और करूर मध्य जिला सचिव कासी पौनराज को मंगलवार को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
विजय ने चार दिन बाद आखिर तोड़ी चुप्पी
आइएएनएस के अनुसार, रैली के दौरान हुई भगदड़ के चार दिन बाद अभिनेता से राजनेता बने विजय ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ी। एक भावनात्मक वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि उन्होंने असामान्य स्थिति से बचने के लिए अब तक शोक संतप्त परिवारों से मिलने से परहेज किया।
विजय ने कहा, ”मैंने अपने जीवन में कभी इतनी दर्दनाक स्थिति का सामना नहीं किया। मैंने करूर का दौरा नहीं किया क्योंकि इससे असामान्य स्थिति उत्पन्न होती। मैं जल्द ही आपसे (पीडि़तों और घायलों के परिवारों से) मिलूंगा।”
उन्होंने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि इस घटना के पीछे का सच जल्द ही सामने आएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन पर आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ बदला ले रहे हैं। अपनी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर केस दर्ज होने के मामले में स्टालिन को चेताते हुए कहा, ”यदि आपके मन में प्रतिशोध की भावना है तो आप मुझसे कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन पार्टी के लोगों को मत छूना।”