
CG BREAKING : Big action for ignoring High Court order
बिलासपुर। युक्तियुक्तकरण को लेकर हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन न करना कनिष्ठ लेखा परीक्षक हेमंत शर्मा को भारी पड़ा। निर्धारित समय सीमा में प्रकरण का निराकरण न करने से अवमानना की स्थिति निर्मित हुई, जिसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) विजय टांडे ने उन्हें निलंबित कर विकासखंड बिल्हा में अटैच कर दिया है।
मामला शासकीय उ.मा.वि. करगीकला (वि.ख. कोटा) की व्याख्याता मंजु श्री वर्मन से जुड़ा है। उन्होंने 26 मई और 7 जुलाई 2025 को जिला कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें उन्होंने स्वैच्छिक असहमति और हाईकोर्ट (WPS NO 6030/2025, आदेश दिनांक 02.07.2025) के आलोक में युक्तियुक्तकरण सूची में नाम शामिल करने का अनुरोध किया था। आदेश की प्रति संलग्न करते हुए कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
लेकिन निर्धारित समय सीमा में निर्णय नहीं लिया गया, जिससे अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो गई। मामले में हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर और तत्कालीन डीईओ को तलब किया। जांच में हेमंत शर्मा को आदेश अनुपालन में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया।
डीईओ विजय टांडे ने हेमंत शर्मा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए तत्काल निलंबित कर दिया। आदेश में कहा गया कि शर्मा ने अपने पदीय दायित्वों के प्रति निष्ठा और जिम्मेदारी नहीं निभाई तथा स्वेच्छाचारिता और गैरजिम्मेदारी प्रदर्शित की।