CG HC PIL DISMISSED : निजी स्वार्थ वाली PIL खारिज, याचिकाकर्ता पर ₹50,000 जुर्माना

CG HC PIL DISMISSED : Personal interest based PIL dismissed, petitioner fined ₹50,000
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन, Sipat द्वारा एनटीपीसी Sipat के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज करते हुए इसे दुरुपयोग करार दिया और याचिकाकर्ता पर ₹50,000 का प्रतिकूल लागत लगाया।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि याचिका सद्भावना से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह निजी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा से जुड़ी हुई है। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता स्वयं ट्रांसपोर्टर है और एनटीपीसी के ठेकों में उसकी प्रत्यक्ष रुचि है।
न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि इसी मुद्दे पर पहले से ही एक PIL लंबित है, फिर भी समानांतर याचिका दायर की गई। साथ ही, जुलाई 2025 में याचिकाकर्ता पर एनटीपीसी से जुड़े ट्रकों को रोकने और चालकों को धमकाने का मामला दर्ज हुआ था, जिसे याचिका में छिपा लिया गया।
अदालत ने टिप्पणी की “जनहित याचिका गरीब और वंचित वर्गों की रक्षा का औजार है, न कि निजी व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का हथियार। ऐसी निरर्थक याचिकाएँ अदालत का समय बर्बाद करती हैं।”
अदालत ने याचिकाकर्ता पर लगाए गए ₹50,000 जुर्माने को गारियाबंद और बलौद स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसियों (SAA) में जमा कराने का आदेश दिया। साथ ही, जमा की गई सुरक्षा राशि भी जब्त कर ली गई।