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KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL तिरछी नजर : फफक पड़े कवासी लखमा

KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL Sideways glance: Kawasi Lakhma burst into tears

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिन‌ पायलट रायपुर‌ आए, तो सेन्ट्रल जेल जाकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य से मिलने गए। उन्होंने पूर्व मंत्री कवासी लखमा से भी मुलाकात की।

बताते हैं कि पायलट से चर्चा के‌ दौरान लखमा फफक पड़े। उन्होंने पायलट से कहा कि पार्टी ने उन्हें छोड़ दिया है। कोई भी नेता उनसे मिलने नहीं आता है।जबकि वो अब भी विधायक हैं।

पायलट ने उन्हें दिलासा दिया और कहा कि पूरी पार्टी उनके साथ हैं। विधायक भी उनसे मिलने आते रहेंगे। चर्चा है कि पायलट ने नेता प्रतिपक्ष डां चरणदास महंत से बातचीत कर सुनिश्चित किया है कि हर हफ्ते दो-तीन विधायक कवासी से मिलने जाएंगे। सीनियर नेताओं को भी यही निर्देश दिए जा रहे हैं।

ओपी से पंगा भारी पड़ा भगत को

वित्त मंत्री ओपी चौधरी से पंगा लेना भाजयुमो अध्यक्ष रवि भगत को भारी पड़ गया। रवि पिछले कई दिनों से लैलूंगा आदि क्षेत्रों में डीएमएफ की राशि खर्च नहीं करने की बात लगातार उठा रहे थे।

भगत वित्त मंत्री ओपी चौधरी को आड़े हाथों ले रहे थे। इसके बाद उन्हें नोटिस थमा दिया गया। उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। चर्चा है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें ओपी के खिलाफ उचका दिया। इनमें एक ताकतवर नेता की भूमिका अहम रही है। रवि को कोई बचाता है या नहीं, देखना है।

मंत्रीजी का अनुष्ठान

सरकार के एक मंत्री विधानसभा सत्र निपटते ही दतिया चले गए। उन्होंने वहां अनुष्ठान भी कराया। दरअसल, मंत्रीजी के खिलाफ माहौल बन रहा है।

जिले के प्रशासनिक अफसर और विधायक भी चुपचाप मंत्रीजी के खिलाफ बात रख रहे हैं। मंत्रीजी ठहरे पुराने चावल, अपने आसपास ऐसे अनुभवी लोगों को बिठा रखा है,जो रेत से तेल निकालने में माहिर है। समय निकालकर वो तीर्थ यात्रा में निकल जा रहे हैं। भगवान का आशीर्वाद रहेगा,तो कोई बाल बांका नहीं कर सकेगा।

एसपी की नाराजगी

प्रदेश के एक जिले के एसपी विशेषकर सोशल मीडिया कर्मियों से इस बात से नाराज हैं कि जिले में अपराध की खबर को कुछ ज्यादा ही प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने कुछ मीडिया कर्मियों को फटकार भी लगाई है।

एसपी साहब का इलाका कोयले का गढ़ है और मीडिया कर्मियों की दिलचस्पी थोड़ी ज्यादा रहती है। स्वाभाविक है कि पुलिस कर्मियों के हाथ भी काले रहते हैं। एसपी साहब चाहते हैं कि किसी का दाग न दिखाया जाए।ये भला ऐसे कैसे हो सकता है।

फाइलें तेज दौड़ने लगी, लेकिन..

विष्णुदेव सरकार ने प्रदेश में ई फाइलिंग सिस्टम शुरू कर दिया है। हालांकि यह सिस्टम अभी जिलों तक लागू नहीं हो पाया है, वहां अभी ट्रेनिंग की प्रक्रिया चल रही है । लेकिन आने वाले समय में नीचे से ऊपर तक यह सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। सरकार में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को लगता है कि इससे जनता के काम में तेजी आएगी। किसी के पास कोई बहाना नहीं रहेगा। अधिकारी राजधानी से बाहर भी रहेंगे तब भी फाइल नहीं अटकेगी।

उनके पास फाइल पहुंचने का मैसेज पहुंचेगा और तत्काल उन्हें फाइल आगे बढ़ानी पड़ेगी। बहरहाल, यह तो सिस्टम की बात हुई। लेकिन सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों का मानना है कि फाइल तो तब आगे बढ़ेगी, जब फाइल शुरू होगी। यहां तो बहुत सारे मामलों में फाइल ही शुरू नहीं हो पा रही, ऐसे में निर्णय कैसे होगा? उनका तर्क है कि यहां ई फाइलिंग से ज्यादा जरूरी निर्णय लेने की क्षमता है। निर्णय लेने की क्षमता हो तो सारे काम वैसे ही जल्दी हो सकते हैं।

हरेली पर भूपेश का वार

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शराब घोटाले में अपने पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से काफी व्यथित हैं। हालांकि तब भी उन्होंने अपने सरकारी आवास में गिरफ्तारी के दो -तीन बाद ही हरेली त्योहार का न सिर्फ जोर-शोर से आयोजन किया, बल्कि मीडिया से चर्चा में उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी भड़ास भी निकाली। उन्होंने अपने दिवंगत पिता और स्वयं की पूर्व में हुई गिरफ्तारी का हवाला देते हुए यहां तक कह दिया कि जेल भेजने के कारण तब की जोगी और रमन सिंह की सरकारें सत्ता में वापस नहीं आ पाई थी। इस बार भी उनके बेटे को जेल भेजने वाली केन्द्र की मोदी और राज्य की भाजपा सरकार सत्ता में वापस नहीं आ पाएगी। आश्चर्य की बात यह है कि भूपेश की हर बात पर पलटवार करने वाले भाजपा के किसी नेता या प्रवक्ता की ओर से इस पर बयान नहीं आया। इस पर पलटवार आया विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की ओर से। जिन्होने कहा कि ऐसे श्राप से कुछ नहीं होता। भ्रष्टाचार का फैसला कोर्ट में होगा। लेकिन राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा रही कि भाजपा के किसी नेता या प्रवक्ता ने इस पर पलटवार क्यों नहीं किया।

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